बिहार चुनाव 2025: क्या झामुमो महागठबंधन का हिस्सा बनेगा? हेमंत सोरेन के पटना दौरे के बाद सीट शेयरिंग पर बातचीत तेज। झामुमो ने 12 सीटों पर दावेदारी की, आरजेडी 6 सीटों पर सहमत। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
पटना/रांची। बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे पर गहमागहमी तेज है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्याणी सोरेन का पटना दौरा नई राजनीतिक हलचल लेकर आया है। वोट अधिकार यात्रा के दौरान आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात ने संकेत दिए हैं कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) अब बिहार में चुनावी मैदान में उतरने जा रही है। सूत्रों की मानें तो झामुमो ने बिहार की 12 विधानसभा सीटों पर दावा ठोका है, जबकि आरजेडी 6 सीटें देने के पक्ष में है।

झामुमो ने किन सीटों पर जताया दावा?
झामुमो ने बिहार की कटोरिया, चकाई, ठाकुरगंज, कोचा धामन, रानीगंज, बनमनखी, धमदाहा, रूपौली, प्राणपुर, छातापुर, सोनवर, झाझ, रामनगर, जमालपुर, तारापुर और मनिहारी विधानसभा सीटों पर दावेदारी जताई है। पार्टी का तर्क है कि इन इलाकों में संथाल आदिवासी समुदाय की बड़ी आबादी है, जिनकी भाषा, संस्कृति और परंपरा झामुमो से गहराई से जुड़ी हुई है।
की-हाइलाइट्स
झामुमो ने बिहार की 12 विधानसभा सीटों पर दावा ठोका
हेमंत सोरेन ने पटना में लालू और तेजस्वी से की मुलाकात
आरजेडी 6 सीटें देने के पक्ष में, बातचीत जारी
झामुमो का तर्क: झारखंड की तरह बिहार में भी निभाया जाए गठबंधन धर्म
महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर अभी भी पेच बरकरार
झामुमो की मांग और आरजेडी की चुप्पी
पार्टी महासचिव विनोद कुमार पांडे और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बार-बार स्पष्ट किया है कि झामुमो बिहार चुनाव में कम से कम 12 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। उनका कहना है कि झारखंड की तरह बिहार में भी महागठबंधन धर्म निभाना होगा। हालांकि, आरजेडी और कांग्रेस ने लंबे समय तक इस पर चुप्पी साधे रखी। समन्वय समिति की बैठकों में झामुमो को नहीं बुलाए जाने से नाराजगी भी जताई गई थी।
हेमंत सोरेन का पटना दौरा और नई समीकरण
वोट अधिकार यात्रा के समापन के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पटना दौरा और लालू-तेजस्वी से मुलाकात ने तस्वीर बदल दी है। माना जा रहा है कि झामुमो को बिहार में 6 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है। यह वही संख्या है जो झारखंड विधानसभा चुनाव में आरजेडी को दी गई थी। आरजेडी अब उसी तर्ज पर झामुमो को सीटें देना चाहती है।
गठबंधन धर्म का तर्क
झामुमो का कहना है कि उसने झारखंड में गठबंधन धर्म का पूरा पालन किया। 2024 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी को छह सीटें दीं और सरकार में मंत्री पद भी दिया। गुड्डा से आरजेडी विधायक संजय प्रसाद यादव वर्तमान में उद्योग, श्रम एवं कौशल विकास मंत्री हैं। ऐसे में बिहार में भी झामुमो सम्मानजनक हिस्सेदारी की उम्मीद कर रही है।
सीट शेयरिंग का पेच
बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से झामुमो को सीटें देने पर महागठबंधन के भीतर असमंजस है। कांग्रेस पिछली बार 70 सीटों पर लड़ी थी, लेकिन महज 19 ही जीत पाई। लेफ्ट ने उससे बेहतर प्रदर्शन किया। इस बार कांग्रेस को इतनी ज्यादा सीटें देने के पक्ष में आरजेडी नहीं है। वहीं नई सहयोगी वीआईपी 60 सीटों की दावेदारी कर रही है। ऐसे में झामुमो को सीट देने के लिए किस दल के हिस्से में कटौती होगी, यह अहम सवाल है।
हेमंत सोरेन के पटना प्रवास से संकेत मिलते हैं कि झामुमो की एंट्री बिहार चुनाव में लगभग तय है। हालांकि, सीटों की संख्या पर अंतिम फैसला अभी बाकी है। आरजेडी जहां छह सीटों से ज्यादा देने के मूड में नहीं दिख रही, वहीं झामुमो 12 सीटों से नीचे उतरने को तैयार नहीं। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि महागठबंधन की गाड़ी किस फॉर्मूले पर आगे बढ़ती है।
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