Protest in Leh: केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में बुधवार को उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब पर्यावरणविद सोनम वांगचुक के समर्थन में सड़कों पर उतरे छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने जैसी प्रमुख मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया।
Protest in Leh: भूख हड़ताल पर सोनम वांगचुक
सोनम वांगचुक पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। वे लद्दाख की एपेक्स बॉडी का नेतृत्व करते हुए केंद्र सरकार से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
हिंसक प्रदर्शन, पुलिस पर पथराव
बुधवार को लेह में बड़ी संख्या में छात्र व आम नागरिक वांगचुक के समर्थन में सड़कों पर उतर आए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और सीआरपीएफ की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। भीड़ ने बीजेपी कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया और उसमें आगजनी की।
Protest in Leh: लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। दोनों ओर से झड़प में कई लोग घायल होने की खबर है। प्रदर्शनकारियों ने कई सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया। फिलहाल लेह में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और प्रशासन का दावा है कि स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि, क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी गई हैं और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है।
Protest in Leh: प्रदर्शनकारियों की चार प्रमुख मांगें
- लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए।
- संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल किया जाए।
- दो लोकसभा सीटें लद्दाख को प्रदान की जाएं।
- लद्दाख की जनजातियों को आदिवासी का दर्जा दिया जाए।
5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था—जम्मू-कश्मीर और लद्दाख। तब से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग समय-समय पर उठती रही है, जो अब व्यापक जन आंदोलन में बदलती दिख रही है।
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