Advertisment
Saturday, October 4, 2025

Latest News

Related Posts

राजेश राम ने चुनाव आयोग SIR सूची पर उठाए कई प्रश्न, जनता के वोटर अधिकारों की सुरक्षा पर जोर

पटना : बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (BPCC) के अध्यक्ष राजेश राम ने आज पटना के सदाकत आश्रम में आयोजित विशेष प्रेसवार्ता में बिहार में गहन वोटर पुनरीक्षण (ESIR) और वोटर अधिकारों से जुड़े गंभीर मुद्दों पर विस्तार से बात की। राजेश राम ने प्रेसवार्ता की शुरुआत में सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह वार्ता दुर्गा पूजा और विजयादशमी के समापन के तुरंत बाद आयोजित की गई। ताकि समाज के अंतिम पंक्ति में रहने वाले जनहित के मुद्दों को उजागर किया जा सके।

Goal 7 राष्ट्रीय दृष्टि – देश की बात, सच्चाई के साथ

राजेश राम ने SIR की प्रक्रिया व उसमें हुई विसंगतियों पर उठाए गंभीर सवाल

उन्होंने इलेक्शन कमीशन का स्वागत किया, लेकिन उनके गहन वोटर पुनरीक्षण की प्रक्रिया और उसमें हुई विसंगतियों पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि एक अगस्त 2025 को एसआईआर के माध्यम से लगभग 65,64,000 नाम हटाए गए और 30 सितंबर 2025 को लगभग 68,60,000 नाम काटे गए, जिनमें 3,66,000 नाम पुनः अंकित किए गए। इसके अलावा, फॉर्म 6E के माध्यम से 21,53,000 नए वोटर जोड़े गए, जिनमें कई 65 से 70 वर्ष के मतदाता शामिल हैं। उन्होंने आधार जोड़ने की प्रक्रिया में हुई देरी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे मान्यता मिलने पर सवाल उठाए।

राजेश राम ने कहा- कांग्रेस पार्टी ने SIR से संबंधित 12 डिमांड्स रखी हैं

राजेश राम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने एसआईआर से संबंधित 12 डिमांड्स रखी हैं, जिनमें मृतक वोटरों की पूरी सूची, फॉर्म 6E के तहत जोड़े और काटे गए नाम, उनकी उम्र और लिंग सहित सूची, महिलाओं के नाम कटने और जुड़ने के कारण, पलायन किए गए लोगों के नाम और अन्य विसंगतियों की स्पष्ट जानकारी शामिल है।

उन्होंने प्रेसवार्ता में निम्नलिखित विसंगतियों को उदाहरण के रूप में पेश किया

1. जमुई में गड़बड़ी – एक ही घर के पते पर 247 मतदाता दर्ज पाए गए।

2. मुजफ्फरपुर में डुप्लीकेसी – एक ही व्यक्ति का नाम तीन-तीन जगह पर वोटर लिस्ट में दर्ज मिला।

3. मतदाता सूची में बड़ी विसंगतियां – कहीं सैकड़ों वोट एक ही मकान नंबर पर, तो कहीं मृतकों और एक ही पिता के नाम पर कई वोटर।

4. पूर्णिया विधानसभा में सबसे ज्यादा कटौती – यहां 68,102 वोटर घटाए गए, जबकि 2020 में जीत का अंतर केवल 32,154 वोट था।

5. गया विधानसभा का उदाहरण – गया विधानसभा क्षेत्र में 2,841 वोट घटे, जबकि 2020 में बीजेपी उम्मीदवार ने केवल 1,634 वोट से जीत दर्ज की थी, यानी यह बदलाव परिणाम पर असर डाल सकता है।

अकीला बानो नामक महिलाओं व सुधांशु कुमार के मामलों का भी हवाला दिया

उन्होंने पटना में दो अकीला बानो नामक महिलाओं और सुधांशु कुमार के मामलों का भी हवाला दिया, जहां नाम और फोटो समान हैं लेकिन एपिक नंबर अलग है। राजेश राम ने कहा कि इतनी जल्दी और गहनता से किए गए वोटर पुनरीक्षण में त्रुटियां स्पष्ट हैं और इससे वोटर प्रतिशत और चुनाव परिणाम पर सीधा असर पड़ सकता है। उन्होंने मीडिया और जनता से अपील की कि वोटर सूची में हो रही त्रुटियों और वोटर अधिकारों की रक्षा के लिए सजग रहें और इलेक्शन कमीशन सभी विसंगतियों का जवाब दे तथा डिलीट और एडिशन में हुई त्रुटियों का समाधान करे। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी ने एसआईआर से संबंधित सभी 12 डिमांड्स रखी हैं और अब तक इलेक्शन कमीशन का जवाब नहीं मिला है।

यह भी देखें :

बिहार की जनता को सजग रहना होगा और वोटर अधिकारों की सुरक्षा के लिए सचेत रहना चाहिए – राजेश राम

राजेश राम ने प्रेसवार्ता का समापन करते हुए कहा कि बिहार की जनता को सजग रहना होगा और वोटर अधिकारों की सुरक्षा के लिए सचेत रहना चाहिए, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी और वोट चोरी को रोका जा सके। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम के अलावा, विधानसभा में कांग्रेस दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान, विधान परिषद में कांग्रेस दल के नेता डॉ. मदन मोहन झा, नेशनल मीडिया को-ऑर्डिनेटर अभय दुबे, मीडिया चेयरमैन राजेश राठौड़, ब्रजेश प्रसाद मुनन, आनंद माधव, सौरभ सिन्हा, विकास, असित नाथ तिवारी, ज्ञान रंजन और संजय पांडेय मौजूद रहे।

यह भी पढ़े : कांग्रेस ने कहा- PM एक पेड़ मां के नाम लगवाते हैं, अडानी के नाम करते जाते हैं पूरा जंगल

स्नेहा राय की रिपोर्ट

Loading Live TV...
146,000FansLike
25,000FollowersFollow
628FollowersFollow
632,000SubscribersSubscribe