Ranchi: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में अपराधी अब पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हथियार और गोलियां मंगाकर अपराध को अंजाम दे रहे हैं, जो राज्य की सुरक्षा प्रणाली और पुलिस की विश्वसनीयता पर बड़ा प्रश्नचिह्न है।
पुलिस और खुफिया एजेंसियों की नाकामी:
मरांडी ने कहा कि यह पूरा मामला पुलिस और खुफिया एजेंसियों की नाकामी को उजागर करता है। उनके अनुसार हथियारों की यह सप्लाई चेन पंजाब के मोगा जिले के रास्ते भारत में प्रवेश कर रही है और रांची समेत देश के कई हिस्सों में फैलाई जा रही है। इन हथियारों का इस्तेमाल बड़े कारोबारियों, पूंजीपतियों और व्यवसायियों को डराकर रंगदारी वसूली के लिए किया जा रहा है।
अपराधी खुलेआम रंगदारी और धमकी दे रहेः
उन्होंने कहा कि धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर और रांची जैसे शहरों में अपराधी खुलेआम रंगदारी और धमकी का नेटवर्क चला रहे हैं। छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े व्यवसायियों तक को लगातार रंगदारी नोटिस मिल रहे हैं। कई व्यापारी भय के कारण अपने मोबाइल नंबर तक सार्वजनिक करना बंद कर चुके हैं, जबकि कुछ ने तो डर से कारोबार छोड़कर राज्य से पलायन कर लिया है।
मुख्यमंत्री से की उच्चस्तरीय जांच की मांग:
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि इतने बड़े पैमाने पर हथियारों की तस्करी होना और पुलिस को इसकी भनक तक न लगना, खुफिया तंत्र की गंभीर विफलता को दर्शाता है। उन्होंने सवाल उठाया — “क्या पुलिस वसूली में हिस्सेदारी के कारण इस गिरोह को संरक्षण दे रही है?” उन्होंने यहां तक कहा कि “जब डीजीपी का उद्देश्य ही वसूली करना बन जाए, तो उसकी संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता।”
भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की कि इस पूरे मामले की एसआईटी या एनआईए जैसी एजेंसी से उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि हथियारों की सप्लाई चेन किन लोगों की संलिप्तता से चल रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है और राज्य सरकार अपराध नियंत्रण में पूरी तरह विफल साबित हुई है। भाजपा जनता के साथ है और इस तरह की घटनाओं के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी।
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