झारखंड हाईकोर्ट ने ₹800 करोड़ GST घोटाले में आरोपी विक्की भालोटिया की जब्त संपत्ति पर आदेश जारी करने पर लगी रोक को 6 नवंबर तक बढ़ा दिया है।
GST Scam Jharkhand: रांची: झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को जमशेदपुर के चर्चित ₹800 करोड़ से अधिक के जीएसटी घोटाले से जुड़े मामले में आरोपी कारोबारी विक्की भालोटिया उर्फ अमित अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई हुई। प्रार्थी की ओर से अदालत से आग्रह किया गया कि उनकी जब्त संपत्ति के अटैचमेंट पर एडजुकेटिंग अथॉरिटी (निर्णायक प्राधिकरण) द्वारा जारी होने वाले फाइनल आदेश पर रोक लगाई जाए।
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से जवाब दाखिल किया गया। इसके बाद प्रार्थी की ओर से अपना जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा गया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। अदालत ने आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक अटैचमेंट से संबंधित फाइनल आदेश पर लगी रोक बनी रहे। अब मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर 2025 को होगी।
Key Highlights:
झारखंड हाईकोर्ट में ₹800 करोड़ जीएसटी घोटाले के आरोपी विक्की भालोटिया की याचिका पर हुई सुनवाई
आरोपी ने अटैचमेंट संपत्ति पर फाइनल आदेश जारी करने पर रोक की मांग की थी
ईडी ने अदालत में अपना जवाब दाखिल किया, प्रार्थी ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा
कोर्ट ने अगली सुनवाई तक फाइनल आदेश पर रोक जारी रखी
अगली सुनवाई की तारीख 6 नवंबर तय की गई
पीएमएलए एडजुकेटिंग अथॉरिटी का कोरम फिलहाल अधूरा, केवल एक सदस्य मौजूद
GST Scam Jharkhand:
सुनवाई के दौरान प्रार्थी पक्ष ने यह भी तर्क दिया कि पीएमएलए की एडजुकेटिंग अथॉरिटी का कोरम अभी अधूरा है। इस प्राधिकरण में तीन सदस्यों का होना अनिवार्य है, जबकि वर्तमान में केवल एक सदस्य कार्यरत हैं। ऐसे में किसी फाइनल आदेश का पारित किया जाना उचित नहीं होगा।
GST Scam Jharkhand:
गौरतलब है कि इस मामले में ईडी ने शेल कंपनियों के जरिए ₹800 करोड़ से अधिक के जीएसटी घोटाले का खुलासा किया था। जांच एजेंसी ने ईसीआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी, जिसके बाद कई प्रमुख व्यापारियों की गिरफ्तारी हुई थी। इसमें शिवकुमार देवड़ा, जमशेदपुर के विक्की भालोटिया, कोलकाता के अमित गुप्ता और मोहित देवड़ा शामिल हैं।
GST Scam Jharkhand:
ईडी ने आरोप लगाया है कि इन आरोपियों ने फर्जी कंपनियां बनाकर बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की और गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ उठाया। इस घोटाले से सरकार को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अदालत के इस आदेश के बाद अब अगली सुनवाई तक ईडी की ओर से अटैचमेंट संपत्ति से जुड़े किसी भी फाइनल आदेश को जारी नहीं किया जा सकेगा। मामला झारखंड की सबसे बड़ी जीएसटी धोखाधड़ी में से एक माना जा रहा है।
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