सासाराम वज्र गृह में ट्रक घुसने से हंगामा, RJD प्रत्याशी ने धरना दिया। बिहार चुनाव 2025 में सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, डीएम ने जांच शुरू की।
Sasaram News : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच सासाराम के बाजार समिति तकिया स्थित वज्र गृह में शुक्रवार को ट्रक घुसने से बड़ा हंगामा मच गया। घटना के बाद राजद प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने चुनावी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए धरना शुरू कर दिया।
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जानकारी के अनुसार, वज्र गृह परिसर में चेनारी विधानसभा के शिवसागर डिस्पैच सेंटर से खाली बक्शा लदा ट्रक घुस गया। जैसे ही ट्रक वज्र गृह के अंदर पहुंचा, मौके पर मौजूद कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया और हंगामा शुरू कर दिया। देखते ही देखते बड़ी संख्या में प्रत्याशी और उनके समर्थक वहां जुट गए।
Key Highlights:
सासाराम के वज्र गृह परिसर में ट्रक प्रवेश करने से मचा बवाल
RJD प्रत्याशी और समर्थकों ने वज्र गृह गेट पर धरना दिया
चुनाव सुरक्षा और EVM की निगरानी पर उठे गंभीर सवाल
डीएम उदिता सिंह और एसपी रौशन कुमार मौके पर पहुंचे
पुलिस पर बल प्रयोग का आरोप, प्रशासन ने किया खंडन
ADM रोहतास से मांगा गया स्पष्टीकरण
राजद के सासाराम प्रत्याशी सतेंद्र साह, दिनारा प्रत्याशी राजेश यादव और नोखा प्रत्याशी अनीता चौधरी ने इस घटना के खिलाफ वज्र गृह गेट पर धरना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि वज्र गृह के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे पहले से खराब हैं और अब इस तरह से ट्रक का प्रवेश होना गंभीर सवाल खड़ा करता है।
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घटना की सूचना मिलते ही डीएम उदिता सिंह और एसपी रौशन कुमार मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। प्रशासनिक टीम ने प्रत्याशियों से बातचीत कर उन्हें समझाने का प्रयास किया। हालांकि, राजद प्रत्याशियों का आरोप था कि पुलिस ने उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग किया।
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इस पर रोहतास एसपी रौशन कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि किसी तरह का बल प्रयोग नहीं किया गया। उन्होंने माना कि ट्रक परिसर में आया था, लेकिन उसमें केवल खाली बक्शे थे और यह गलती से अंदर आ गया।
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जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम उदिता सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीएम ललित रंजन, जो चेनारी विधानसभा के निर्वाची पदाधिकारी हैं, से स्पष्टीकरण मांगा है कि वज्र गृह सील होने के बाद भी ट्रक कैसे भेजा गया।
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बताया जा रहा है कि बाजार समिति परिसर में ईवीएम मशीनों का वज्र गृह बनाया गया है, जहां किसी बाहरी वाहन का प्रवेश सख्त रूप से वर्जित है। इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि चुनावी पारदर्शिता को लेकर भी बहस छेड़ दी है।
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