Bokaro: जिले में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां 2023 में मारपीट और जानलेवा हमले के आरोपी केस में पीड़ित का धारा 164 के तहत दिया गया बयान न्यायालय परिसर से चोरी हो गया। इस घटना के बाद पीड़ित पक्ष ने न्यायिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
घटना के संबंध में पीड़ित पक्ष के अनुसार, राकेश मिश्रा पर गंभीर हमला वर्ष 2023 में किया गया था। हमलावरों ने उन पर हमला करने के बाद उन्हें पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया, ताकि यह हादसा ट्रेन दुर्घटना की तरह दिखाई दे और उनकी जान चली जाए। हालांकि, वहां के स्थानीय लोगों और पुलिस की तत्परता से उनकी जान बच गई। हमले के बाद राकेश मिश्रा का इलाज लगातार जारी है और वर्तमान में वे दिल्ली में उपचाररत हैं।
दर्ज हुआ मामला, लेकिन अब बयान हो गया गायबः
इस घटना के संबंध में 31 जुलाई 2023 को सिटी थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। केस की सुनवाई के दौरान राकेश मिश्रा का धारा 164 CrPC के तहत बयान भी दर्ज कराया गया था, जो कि सीलबंद लिफाफे में न्यायालय में सुरक्षित रखा गया था। लेकिन 18 नवंबर 2025 को पीड़ित के परिवार को यह जानकारी मिली कि वह सीलबंद बयान न्यायालय से गायब है। यह जानकारी मिलते ही परिवार और वकील दोनों स्तब्ध रह गए।
पीड़ित पक्ष ने अधिकारियों को भेजा पत्रः
इस घटना की सूचना मिलने के बाद पीड़ित के भाई, जो स्वयं एक वकील हैं, ने इस संबंध में कई अधिकारियों को पत्र लिखा है। इनमें शामिल हैं:
- बोकारो एसपी हरविंदर सिंह
- चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (CJM), बोकारो
- प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज (PDJ)
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि कुछ लोग इस केस को दबाने की कोशिश कर रहे हैं और वे नहीं चाहते कि हमलावरों को कानून के तहत सजा मिले।
“न्यायपालिका की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न”: पीड़ित पक्ष
पीड़ित के भाई ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि अगर न्यायालय में रखा धारा 164 का सीलबंद बयान चोरी हो सकता है, तो आम नागरिक कहां सुरक्षित हैं? यह घटना न्यायिक सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल है। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल उनके भाई के केस के भविष्य को प्रभावित कर सकती है बल्कि यह न्याय व्यवस्था की विश्वसनीयता के लिए भी चुनौती है।
परिवार ने तत्काल कार्रवाई की मांग कीः
परिवार का कहना है कि वे चाहते हैं कि इस चोरी की तत्काल जांच की जाए, न्यायालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए और मामले को दबाने की कोशिश कर रहे सभी लोगों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जाए
रिपोर्टः चुमन कुमार
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