JPSC Update: Assistant और Associate Professor भर्ती का विज्ञापन JET Result के बाद , JET Exam मार्च 2026 में संभावित

जेपीएससी ने हाईकोर्ट को बताया कि असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर भर्ती का विज्ञापन JET रिजल्ट के बाद जारी होगा। JET परीक्षा मार्च 2026 में संभावित। सुनवाई 29 जनवरी।


JPSC Update: आठ विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर भर्ती का विज्ञापन JET परिणाम के बाद, मार्च में हो सकता है JET

झारखंड लोक सेवा आयोग ने झारखंड हाईकोर्ट को बताया है कि राज्य के आठ विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसरों की नियुक्ति का विज्ञापन JET परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद निकाला जाएगा। ताकि JET परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थी भी इस भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा बन सकें।
अधिवक्ता अभय प्रकाश ने पीठ को बताया कि JET परीक्षा मार्च 2026 में आयोजित होने की संभावना है।


Key Highlights

  • JET Result जारी होने के बाद ही प्रोफेसर भर्ती का विज्ञापन

  • JET परीक्षा मार्च 2026 में होने की संभावना

  • आठ विश्वविद्यालयों ने 2154 नियमित और 250 बैकलॉग पद भेजे

  • रांची यूनिवर्सिटी के प्रस्ताव पर वित्त विभाग की मुहर बाकी

  • अगली सुनवाई 29 जनवरी 2026 को


JPSC Update: सुनवाई में क्या हुआ

मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की। राज्य सरकार, JPSC और JSSC की ओर से पक्ष रखे गए। अदालत ने सभी दलीलें सुनने के बाद निर्देश दिया कि इस मामले में जल्द कार्रवाई पूरी की जाए। अगली सुनवाई की तिथि 29 जनवरी 2026 तय की गई है।

JPSC Update: आठ विश्वविद्यालयों से पदों का विवरण भेजा जा चुका

अधिवक्ता प्रकाश ने बताया कि सभी आठ विश्वविद्यालयों से अधियाचना मिल चुकी है। विश्वविद्यालयों ने अपनी रिक्तियां राज्य सरकार और JPSC को भेज दी हैं।
भर्ती प्रक्रिया में निम्नलिखित पद शामिल किए जाएंगे:

  • नियमित पद: 2154

  • बैकलॉग पद: 250

JPSC Update: रांची विश्वविद्यालय के प्रस्ताव पर वित्त विभाग की स्वीकृति जरूरी

राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि रांची विश्वविद्यालय में उपलब्ध पदों से संबंधित प्रस्ताव वित्त विभाग की सहमति के लिए भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष जाएगा।

JPSC Update: पीआईएल क्यों दायर हुई

प्रार्थी अनिकेत ओहदार और अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि रांची विश्वविद्यालय में लंबे समय से असिस्टेंट प्रोफेसरों और शिक्षकेतर कर्मियों की नियमित नियुक्ति नहीं हो रही है।
विश्वविद्यालय लगातार संविदा के आधार पर नियुक्तियां कर रहा है, जो नियमों का उल्लंघन है। याचिकाकर्ताओं ने नियमित नियुक्ति शुरू करने की मांग की है।

Highlights

spot_img

Trending News

Social Media

152,000FansLike
26,200FollowersFollow
628FollowersFollow
675,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img