हजारीबाग : 1932 खतियान लागू कराने को लेकर बड़कागांव में निकली पदयात्रा, कहा- बाहरी भाषा नाय चलतो- झारखंड में
1932 व स्थानीय भाषा को लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन जारी है.
इसी क्रम में आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए बड़कागाँव में
झारखण्डी भाषा संघर्ष समिति बड़कागाँव के अध्यक्ष विकास कुमार उर्फ मिथलेश कुमार,
उपाध्यक्ष राजकिशोर चौधरी, सचिव शशि महतो, उपसचिव बंशीधर पटेल कोषाध्यक्ष सोनू इराकी,
उपकोषाध्यक्ष अवधेश कुमार व मिडिया प्रभारी सुरेंद्र राम के नेतृत्व में
एक दिवसीय पद यात्रा निकाली गयी. जो अमेरीकन कॉलेज से होते हुए विधायक मुहल्ला,
सूर्य मंदिर से मुख्य चौक होते हुए जिडीएम चौक तक पहुंची.
अध्यक्ष ने कहा कि 1932 खतियान संघर्ष समिति के माध्यम से इस आंदोलन को आगे जिला और राज्य तक ले जाना है.
इसके लिए प्रखंड के युवाओं तथा विद्यार्थियों को आगे आना होगा. 1932 की खतियान को लागू करवाना होगा. आन्दोलन को और धारदार बनाकर मजबूती देना होगा.
सड़क से लेकर सदन तक करेंगे आंदोलन
समिति के संरक्षक लेखक विपिन कुमार ने कहा कि झारखंड में बाहरी भाषा नाय चलतो, क्योंकि हमलोग बिहार यूपी नहीं जाते हैं. वहां स्थानीय भाषा बोला जाता है. हमलोगों को वहां पहचानता भी नहीं है. झारखंड में 1932 के खतियान को हेमन्त सरकार को लागू करना होगा तभी हम युवाओं को रोजगार मिलेगा. अगर यह मांग पूरा नहीं होता है तो हमलोग सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगे. न कोई नेता न कोई पार्टी सबसे आगे झारखंड माटी इस समिति में किसी नेता की आवश्यकता नहीं है.
हेमन्त सरकार ने स्थानीय नीति लागू करने का किया था वादा
मीडिया प्रभारी सुरेंद्र राम ने कहा कि हेमन्त सरकार ने स्थानीय नीति लागू करने का वादा किया था. युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी, परंतु सरकार विफल रही. ऐसा लगता है कि महागठबंधन की हेमन्त सरकार पर बाहरियों का कब्जा है. मौके पर समाज सेवी अनिरुद्ध कुमार दांगी, सोनू इराकी, अर्जुन महतो, अनुज कुमार, रूपेंद्र कुमार, अमित दास, रवि कुमार, सुनील कुमार, मुकेश प्रजापति, कुंवर प्रजापति, धर्मनाथ कुमार, राहुल कुमार और प्रखंड के विभिन्न गांवों से दर्जनों युवा छात्र उपस्थित रहे.
रिपोर्ट: सुरेंद्र कुमार सिंह