‘सांपों के मसीहा’ की मौत सांप के काटने से हुई

छपराः सांपों के मसीहा के नाम से मशहूर सारण जिले के मांझी थाना क्षेत्र के शीतलपुर गांव के रहने वाले मनमोहन उर्फ भुअर की मौत रविवार को सांप के काटने से हो गई। दर्जनों लोगों की उपस्थिति में सांप का करतब दिखाने के दौरान सांप के काटने का वीडियो सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहा है।

भुअर की मौत से इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। बता दें भुअर बचपन से ही सांपों को पकड़ने को पकड़ता था। किसी के घर जहरीला सांप निकलता था तो लोग भुअर को ही याद करते थे। मौत की खबर सुनते ही बदहवास लोगों की भीड़ मनमोहन उर्फ भुअर को देखने के लिए दौड़ पड़ी। लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई।

सापों का संरक्षण ही भुअर की जिन्दगी का मिशन था

बताया जा रहा है कि मनमोहन उर्फ भुअर सारण, सिवान, गोपालगंज, उत्तर प्रदेश के बलिया जैसे कई जिलों में सांपो पकड़ने के लिए जाया करता था। सांप पकड़ना भुअर का पेशा नहीं, बल्कि एक जुनून था। आसपास के गांवों में मनमोहन को सांपों का सच्चा मित्र माना जाता था। लोग भुअर पर देवी की कृपा मानकर सम्मान की नजर से देखते थे।  कहा जाता है कि भुअर झाड़-फुंक और जड़ी-बूटियों से पीड़ित व्यक्ति को पल भर में ठीक कर देता था। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि मोबाइल पर बात करते हुए भी अपनी मंत्रों के सहारे वह सांप का विष उतार देता था।

सांप इंसान की आधी जिंदगी है

भुअर जब घरों से सांपों को पकड़ते था, तो बाकायदा उन सांपों का संरक्षण भी करता था। भुअर ने अपनी जिंदगी में हजारों सांपों की जान बचाई। सांपों को पकड़ अपना घर लाता था। भुअर ने सांपों के रहने के लिए एक कमरा बनवाया था। जिसमें सांपों के खाने-पीने की व्यवस्था थी। भुअर की मान्यता थी कि सांप इंसान की आधी जिंदगी है। सांपों को सुरक्षित रखना इंसान के अस्तिव के लिए जरुरी है। मनमोहन ने अपनी पूरी जिंदगी सांपो के संरक्षण में लगा दिया। राखी जैसे  त्यौहार पर भी भुअर ने रक्षा का संकल्प दोहराया और बहनों से सांप की भी राखी बंधवाई।  परन्तु, यह किसे पता था कि भुअर जिन सांप का संरक्षण कर रहा है वह सांप ही उसकी जान ले लेगा।

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