Ranchi-आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मामले में सशरीर हाईकोर्ट में बुलाये गये डीजीपी को हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है. इस दौरान चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने उनसे पूछा कि बिना किसी साइटेशन के आउट ऑफ टर्न प्रमोशन कैसे दिया गया. सरकार का इस मामले में स्टैंड पूरी तरह से भेदभाव पूर्ण है. अदालत ने इस मामले में डीजीपी को अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.
दरअसल, राज्य सरकार ने एसपी की अनुशंसा पर 11 पुलिस पदाधिकारियों को प्रमोशन दे दिया है. लेकिन बेहतर काम करने के लिए प्रशस्ति पत्र पाने वाले पदाधिकारी को प्रोन्नति नहीं दी गई है.
अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि पुलिस विभाग के मुखिया होने के नाते डीजीपी अपने घर को सुधारें. विभाग में कई तरह की गड़बड़ियां हो रही हैं. मामले में अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी.
बता दें कि इस संबंध में अरुण कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मामले में भेदभाव का आरोप लगाया था. प्रार्थी का कहना था कि उनके द्वारा सीधे डीजीपी को आउट ऑफ टर्न प्रोमोशन के लिए आवेदन दिया गया था, इसे पीछे का आधार बताया गया था, अपनी उपलब्धियां बतायी गयी थी, लेकिन इनके आवदेन को रद्द कर 11 दूसरे लोगों को आउट ऑफ टर्न प्रोमोशन दे दिया गया, उनकी अनुशंसा एसपी की ओर से की गयी थी. जबकि जिन लोगों का आउट ऑफ टर्न प्रोमोशन दिया गया उनके पास कोई साइटेशन या उपलब्धियां नहीं थी.मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मामले में कई बार विभाग से जबाव की मांग की, लेकिन हर बार एक ही जवाब कोर्ट में भेजा गया. इससे नाराज होकर कोर्ट ने डीजीपी को सशरीर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था.
रिपोर्ट-प्रोजेश
सिमडेगा मॉब लिंचिंग पर राज्यपाल ने डीजीपी नीरज सिन्हा को किया तलब