चीन के राष्ट्रपति ने किया शिनजिंयाग का चार दिवसीय दौरा
नई दिल्ली : लद्दाख सीमा पर तनाव को लेकर आज भारत-चीन के बीच कमांडर स्तर
की 16वें दौर की वार्ता होने जा रही है.
एलएसी के भारतीय हिस्से में आयोजित टॉप कमांडरों की यह बातचीत,
पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी की पेट्रोलिंग प्वाइंट नंबर 15 पर डिसइंगेजमेंट के लिए होगी.
भारत की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल ए. सेनगुप्ता की अगुवाई में होने वाली वार्ता में
भारत डेपसांग व डेमचोक के मुद्दों के समाधान के अतिरिक्त शेष
सभी फ्रिक्शन प्वाइंट्स पर सैनिकों को हटाए जाने की मांग करेगा.
पीएलए के सैनिकों व अधिकारियों से राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने की मुलाकात
भारत और चीन के तनावपूर्ण रिश्तों को सुलझाने के लिए रविवार को आयोजित
दोनों देशों के कमांडर स्तर की बातचीत से ठीक पहले चीन की तरफ महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 12 से 15 जुलाई के बीच लद्दाख की सीमा से सटे अशांत शिनजियांग प्रांत में तैनात पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों व अधिकारियों से मुलाकात की.
गलवान टकराव में घायल पीएलए के रेजिमेंटल कमांडर को किया सम्मानित
यहां उन्होंने जून 2020 में पूर्वी लद्दाख में गलवान टकराव में घायल पीएलए के रेजिमेंटल कमांडर क्यूई फैबाओ को सम्मानित किया. इस बैठक में पीएलए के पश्चिमी थिएटर कमान के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे जो भारत-चीन के बीच 3488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा की निगरानी करते हैं. उल्लेखनीय है कि 15 जून 2020 को गलवान घाटी के खूनी टकराव में भारत के 20 जवान शहीद हो गए. जबकि चीन ने अपने सैनिकों की मौत का आंकड़ा तत्काल तो नहीं बताया लेकिन बाद में वास्तविक आंकड़े को छुपाते हुए चार सैनिकों के हताहत होने की बात स्वीकारी.
चीन के राष्ट्रपति ने शिनजियांग का किया दौरा
भारत-चीन की कमांडर स्तर की वार्ता से ठीक पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उस सीमांत प्रांत शिनजियांग का दौरा किया, जहां उइगर मुसलमानों पर व्यापक स्तर पर अत्याचार के आरोप लगते रहे हैं. चीन के इस प्रांत में उइगर मुसलमानों की सर्वाधिक संख्या है. उन्हें डिटेंशन कैंपों में रखकर यातना देने का आरोप है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिनजियांग के दौरे पर पहुंचे शी जिनपिंग ने प्रशासन को आदेश दिया है कि वे इस्लाम को चीन की परंपराओं और समाज के मुताबिक ढालने की कोशिश करें. उन्होंने चीन में सामुदायिक भावना की मजबूती के लिए अलग-अलग जातीय समूहों के एकीकरण को बढ़ावा देने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि चीन के मुसलमानों को चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा अपनाए जा रहे समाजवादी समाज के अनुकूल होना चाहिए.
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