पटना : नीतीश कुमार 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
इसके साथ ही राजद नेता और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव दूसरी बार डिप्टी सीएम बन गए हैं.
राज्यपाल फागू चौहान ने राजभवन में दोनों नेताओं को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
शपथ ग्रहण के बाद तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के पैर भी छुए.
22 साल में यह 8वां मौका है, जब नीतीश कुमार राज्य के सीएम बने हैं. वे साल 2000 में सबसे पहले 7 दिनों के लिए सीएम बने थे. शपथ ग्रहण समारोह में जदयू, राजद, कांग्रेस और हम पार्टी के कई बड़े नेता मौजूद रहे.
नीतीश कुमार ने लालू से की बात
शपथ ग्रहण से पहले नीतीश कुमार ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से फोन पर बात की.
बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने लालू यादव को राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम की जानकारी दी.
इस दौरान लालू यादव ने नीतीश कुमार के फैसले का स्वागत किया और उन्हें बधाई दी.
वैकल्पिक विपक्ष पर नहीं हुआ विचार – पीके
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा, मेरा मानना है कि बिहार में जो ताजा राजनीतिक घटनाक्रम है वह सिर्फ राज्य के स्तर पर है. मुझे नहीं लगता कि यह देश में राष्ट्रीय स्तर पर वैकल्पिक विपक्ष बनाने के विचार के बाद किया गया है.
नीतीश ने महाराष्ट्र से सबक लिया- शरद पवार
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में जो कुछ भी हुआ, उसे देखकर नीतीश कुमार ने ये सोचा होगा कि अगर वे बीजेपी के साथ रहते हैं तो उनके साथ क्या होगा? इसलिए उन्होंने तुरंत इस्तीफा दिया और बीजेपी से अपने रिश्ते खत्म कर लिए.
ये जनादेश की घर वापसी- मनोज झा
राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा, ये सिर्फ सरकार शपथ नहीं लेने जा रही है बल्कि 2017 से लेकर 2020 तक के जनादेश की घर वापसी हो रही है. ये बहुत महत्वपूर्ण है ऐसे दौर में जब मौजूदा भाजपा ने ये तय कर लिया है कि लोकतांत्रिक मूल्यों को क्षत-विक्षत करना है. बिहार ने एक संदेश दिया है.
मुख्यमंत्री पद की शपथ के साथ ही विपक्षी एकता की बात करने लगे नीतीश कुमार