बीजेपी विधायक ने छात्रों को थाने में रोकने का उठाया मामला, सदन में किया हंगामा
सरकार ने झारखंड में लागू किया इमरजेंसी- भानू प्रताप शाही
रांची : झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भी नियोजन नीति को लेकर खूब हंगामा हुआ.
बीजेपी विधायक ने वेल में उतर कर हंगामा किया और हेमंत सरकार को घेरा.
बीजेपी विधायक भानू प्रताप शाही ने सदन में छात्रों को थाने में रोकने का मामला उठाया.
उन्होंने कहा कि छात्रों को रांची आने से रोका जा रहा है. स्पीकर रबींद्रनाथ महतो से बीजेपी विधायक ने कहा
कि लाखों छात्रों को रांची आने से रोका जा रहा है. थानों में बिठाया जा रहा है. क्या झारखंड में इमरजेंसी लागू हो गया है.
इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए. उन्होंने सरकार से कहा कि आप नियोजन नीति लागू करे हम आपके साथ खड़े हैं.
जैसे पहले रघुवर सरकार और बाबूलाल मरांडी की सरकार ने नियोजन नीति लागू किया था वैसे ही लागू करे.

नियोजन नीति : बीजेपी विधायक के हंगामा पर स्पीकर ने जताई चिंता
इसके बाद बीजेपी विधायक वेल में उतर कर हंगामा करने लगे. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मुझे
ये कहना पड़ रहा है कि किसी एक दल की वजह से विधानसभा की कार्यवाही बाधित हो रही है, जो कि चिंताजनक है.
बांकी और दलों को इस पर आपत्ति है. इसलिए हम आसन की ओर से निवेदन कर रहे हैं कि अपने सीट पर बैठ जाएं.
राज्य में दंगा भड़काना चाहती है बीजेपी- प्रदीप यादव
बीजेपी विधायक के आरोप पर विधानसभा स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम
को देखने को कहा. कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि बीजेपी के लोग छात्रों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं.
राज्य में दंगा भड़काना चाहते हैं. छात्रों को बेपटरी करना चाहते हैं. बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल
ने प्रश्नकाल के दौरान सवाल उठाया कि रांची नगर निगम क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने के दौरान शहर
में गड्ढा करके छोड़ दिया है. सरकार इस पर जवाब दे.
नियोजन नीति : झारखंड के आंदोलनकारी को मिले पेंशन- सुदेश महतो
सत्र के दौरान आजसू विधायक सुदेश महतो ने सवाल उठाया कि झारखंड आंदोलनकारी चिन्हतीकरण
आयोग द्वारा चिन्हित हजारों की संख्या में आंदोलनकारी को पेंशन और सुविधाएं मिलनी चाहिए.
इस मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार इस दिशा में उचित कदम उठा रही है.
22 वर्ष बीत जाने के बाद भी आंदोलनकारियों को नहीं मिला सम्मान- जेएमएम विधायक
जेएमएम विधायक मथुरा महतो, दीपक बिरुआ और लोबिन हेंब्रम ने इस प्रश्न का समर्थन करते हुए
कहा कि कम से कम जेल जाने की बाध्यता खत्म होनी चाहिए. आयोग को एक निश्चित समय दिया जाय.
झारखंड के आंदोलनकारी दर-दर भटक रहे हैं. 22 वर्ष बीत जाने के बाद भी इनको सम्मान नहीं मिला है.
उन्हें आवास भी नहीं मिला है. इस पर मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि दूसरे राज्य से नियमावली मंगवाकर
आंदोलनकारियों को सम्मान दिया जाएगा.
रिपोर्ट: मदन सिंह
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