Desk. 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने GST (वस्तु एवं सेवा कर) को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि इस दिवाली तक एक बड़े टैक्स रिफॉर्म की शुरुआत की जाएगी। इस नए रिफॉर्म के तहत टैक्स स्लैब कम किए जाएंगे, सिस्टम को सरल बनाया जाएगा और छोटे व्यवसायों को अधिक सहूलियत दी जाएगी।
पीएम मोदी ने लाल किले से अपने संबोधन में GST को भारत की अर्थव्यवस्था के लिए “बदलाव का इंजन” बताया और कहा कि 2017 में GST लागू होने के बाद देश की कर व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव आया है। इस घोषणा के बाद वित्त मंत्रालय ने GST काउंसिल के सामने एक प्रस्ताव रखा है, जिसकी समीक्षा मंत्रियों के एक समूह (GoM) द्वारा की जा रही है। इसे दिवाली तक लागू करने का लक्ष्य है।
तीन बड़े बदलाव जो नया GST रिफॉर्म लेकर आएगा
स्ट्रक्चरल रिफॉर्म
सरकार इनपुट और आउटपुट टैक्स रेट्स के बीच अंतर को खत्म करने की योजना बना रही है, ताकि टैक्स क्रेडिट की जटिलता को कम किया जा सके और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिले। इसके अलावा, वर्गीकरण संबंधी विवादों और नियमों को सुव्यवस्थित करने की तैयारी है। लॉन्ग टर्म में टैक्स दरों को स्थिर और नीतिगत बनाने पर जोर रहेगा।
टैक्स स्लैब होंगे सिर्फ दो
वर्तमान में GST के 5 स्लैब हैं, जैसे- 0%, 5%, 12%, 18% और 28%, लेकिन प्रस्ताव के तहत इसे घटाकर केवल 2 स्लैब में लाने की योजना है। स्टैंडर्ड स्लैब और योग्यता आधारित स्लैब। विशेष दरें केवल चुनिंदा आवश्यक वस्तुओं पर लागू होंगी। साथ ही, जरूरी और महत्वाकांक्षी वस्तुओं पर टैक्स कम किया जाएगा, जिससे मिडिल क्लास, छात्र, किसान और आम जनता को सीधा लाभ होगा।
छोटे व्यवसायों को मिलेगा फायदा
नए GST रिफॉर्म के तहत छोटे व्यापारियों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा। इनमें पहले से भरे हुए रिटर्न, तेजी से रिफंड प्रक्रिया, डिजिटलीकरण को बढ़ावा, संभावित अतिरिक्त सुधार, 12% स्लैब को हटाने का प्रस्ताव आदि शामिल हो सकता है।
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