पटना : बिहार पुलिस पर रह रह कर दाग भी लगते रहते हैं। अभी हाल ही में नदी थाने के एक उप-निरीक्षक (ASI) अमरजीत कुमार और एक कॉन्सटेबल को सस्पेंड कर दिया गया। उन्होंने एक तेज रफ्तार बाइक को रोक कर गलत नहीं किया था, लेकिन उसके बाद जिस तरह से उन्होंने गालियां दीं वो साफतौर पर गलत था। अब इसी कड़ी में पुलिस पर एक और दाग लगा है। एक एएसआई को कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है।
दारोगा अमरजीत को 3 साल की जेल
आपको बता दें कि ये फैसला निगरानी की अदालत ने गुरुवार को सुनाया, जब एक एएसआई को तीन साल के लिए जेल की सजा सुनाई गई। यही नहीं उसके ऊपर आरोप सिद्ध होने के बाद 10 हजार रुपयों का जुर्माना भी लगाया गया। मामला आज से पांच साल पहले का है, जब एएसआई पर रिश्वत मांगने का आरोप लगा था।
जक्कनपुर थाने के ASI को कोर्ट ने दी सजा
पटना की एक विजिलेंस अदालत ने गुरुवार को जक्कनपुर थाने के सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) अमरजीत कुमार को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराया। यह मामला 2016 में एक शिकायतकर्ता से उसके पक्ष में केस डायरी लिखने के लिए 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगने से संबंधित था। आरोप था कि केस डायरी को पीड़ित के पक्ष में लिखने के लिए अमरजीत ने उससे घूस मांगी। इस दौरान उसने पीड़ित को एक तरह से परेशान भी किया।
10 हजार रुपयों का जुर्माना भी लगा
इस मामले में आरोप सही साबित हुए। इसके बाद गुरुवार को निगरानी की अदालत ने अमरजीत को तीन साल के कठोर कारावास और 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। विजिलेंस महानिदेशक जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि यह उन 25 भ्रष्टाचार के मामलों में से एक है जिनमें 2025 में दोषसिद्धि हुई थी।
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अंशु झा की रिपोर्ट
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