पटना सिटी : पटना सिटी क्षेत्र के आलमगंज थाना अंतर्गत जल्ला रोड में पूर्व में अरुण कुमार नामक युवक की हत्या हुई थी। उस हत्या में पटना की मेयर सीता साहू के पुत्र का भी नाम आया था। जिसमें चार महीना मेयर पुत्र बेल की प्रक्रिया में रहे। प्रशासन के द्वारा एक शूटर को गिरफ्तार किया गया। शूटर के बतलाए हुए बातों पर चलकर प्रशासन ने सामाजिक कार्य करने वाले दिव्यम बाबा को गिरफ्तार किया। वहीं दिव्यम बाबा पर पहले भी आरोप लगा था।
मृतक के परिजनों ने साफतौर से इनकार किया था कि उनके द्वारा इस तरह का कांड नहीं किया गया है। मृतक के परिजनों ने मेयर के पुत्र पर ही खुला आरोप लगाया था। उसी क्रम में मेयर के पुत्र चार महीने के बाद कोर्ट के बेल पर आए हैं। वहीं प्रशासन के द्वारा यह बतलाया जा रहा है कि शूटर को गांधी मैदान से गिरफ्तार किया गया है। शूटर ने ही बतलाया कि दिव्यम बाबा के द्वारा बतलाए हुए लोगों की हत्या की गई है। जानकार सूत्रों से यह पता चला कि जब शूटर ने कहा कि कॉरपोरेशन के अंदर में बुलाकर हमको दिव्यम बाबा ने कहा था कि गोली मारनी है। इस तारीख को दिव्यम केदार धाम यात्रा पर थे। अपने कइयों लोग के साथ वह गए हैं। वह हत्या की सुपारी उन्होंने कब दी यह मामला बड़ा संदिग्ध नजर आ रहा है।
पटना सिटी एसपी अतुलेश झा शूटर के बयान पर जिस तरह गिरफ्तारियां किया है, आम जनों में काफी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि सामाजिक कार्यकर्ता समाज से जुड़े रहने वाले दिव्यम बाबा इस तरह का काम भी नहीं कर सकते हैं। यह सोचने की बात हो सकती है कि प्रशासन शूटर के कहने पर गिरफ्तारी कर रही है। प्रशासन में कहीं ना कहीं सूझबूझ की कमी नजर आ रही है। अगर प्रशासन को यह नजर आ जाएगा कि दिव्यम बाबा बेकसूर हैं। पटना सिटी के एएसपी अखिलेश झा ने अपने प्रेसवार्ता में अपनी बातें रखी है। शूटर के बयान के अनुसार, पूरे क्षेत्र में जोरों की चर्चा है।
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उनके परिजनों ने कोर्ट में जाकर बयान दिया था कि दिव्यम ऐसा काम नहीं कर सकते हैं। शूटर के बताए हुए बातों पर कैसे विश्वास किया जा सकता है। जबकि वह पहले से काफी वांटेड रहा है। उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वैसे लोगों को बयान पर तरजीह अगर प्रशासन देती है तो यह एक अजीब सा मामला नजर आ रहा है। अब आगे देखना है कि प्रशासन के इस बयान से लोगों में काफी आक्रोश है। वहीं स्थानीय वार्ड पार्षद के कई प्रतिनिधि एवं पूर्व वार्ड पार्षद ने भी विरोध जताया है। दिव्यम बाबा सामाजिक कार्यकर्ता हैं, उनके ऊपर जिस तरह का आरोप लगा है, वह बे बुनियाद है।
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उमेश चौबे की रिपोर्ट