हजारीबाग जमीन घोटाले और शराब घोटाला केस में ACB ने कारोबारी विनय सिंह के 4 ठिकानों पर छापेमारी की। भारी मात्रा में दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त हुए।
Hazaribagh Land Scam रांची: हजारीबाग वन भूमि घोटाले और उससे जुड़े शराब घोटाले के केस में एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) ने रविवार को बड़ी कार्रवाई की। कारोबारी विनय सिंह, जो नेक्सजेन एजेंसी के संचालक और निलंबित आईएएस अधिकारी विनय चौबे के करीबी माने जाते हैं, उनके चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई।
Key Highlights
एसीबी ने कारोबारी विनय सिंह के चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।
198 फाइलें, 27 CPU, 1 लैपटॉप, 2 मोबाइल और जमीन से जुड़े कागजात बरामद।
छापेमारी रांची के आनंदपुर स्थित घर, डिबडीह के शोरूम और पीस रोड अपार्टमेंट में हुई।
विनय सिंह निलंबित IAS विनय चौबे के करीबी बताए जाते हैं।
कार्रवाई में सुबह 6:15 से शाम 6:15 तक 12 घंटे की सर्च ऑपरेशन चला।
ACB ने इस बार केंद्रीय एजेंसियों की तर्ज पर साक्ष्य जुटाने के लिए रेड की।
यह कार्रवाई रांची के आनंदपुर स्थित घर, डिबडीह स्थित नेक्सजेन सॉल्यूशन टेक्नोलॉजी प्रा. लि., एसएस मेटोजोन शोरूम और पीस रोड स्थित अपार्टमेंट में की गई। छापेमारी सुबह 6:15 बजे शुरू होकर शाम 6:15 बजे तक चली।
Hazaribagh Land Scam: क्या-क्या जब्त हुआ?
ACB ने इस कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किए। इनमें –
198 फाइलें
27 CPU
1 लैपटॉप
जमीन और निवेश से जुड़े दस्तावेज
2 मोबाइल फोन
सभी जब्त सामग्रियों की विस्तृत जांच साइबर और फॉरेंसिक टीम से कराई जाएगी।
Hazaribagh Land Scam:अचानक हुई रेड, परिवार हैरान
रविवार की सुबह एसीबी टीम जब विनय सिंह के घर पहुंची तो परिवार वाले सामान्य दिनचर्या में व्यस्त थे। छापेमारी के दौरान घर का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स तुरंत कब्जे में ले लिए गए। किसी को फोन इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी गई। यह रेड करीब 12 घंटे चली, जिससे इलाके में भारी हलचल रही।
Hazaribagh Land Scam:IAS विनय चौबे का लिंक
जांच में सामने आया है कि निलंबित IAS विनय चौबे अपने करीबी कारोबारी विनय सिंह के जरिए संपत्ति और व्यवसाय में निवेश करते थे। इसी वजह से चौबे, सिंह और उनके परिजनों की संपत्ति की जांच एसीबी कर रही है।
Hazaribagh Land Scam:नई रणनीति पर काम कर रही ACB
आमतौर पर ACB भ्रष्टाचार या आय से अधिक संपत्ति मामलों में बाद में रेड करती थी, लेकिन इस बार उसने केंद्रीय एजेंसियों (ED, CBI) की तर्ज पर पहले ही छापेमारी कर साक्ष्य जुटाने की रणनीति अपनाई। माना जा रहा है कि बरामद दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस से इस घोटाले में कई नए राज खुल सकते हैं।
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