डिजीटल डेस्क : अडानी पावर झारखंड लिमिटेड ने बांग्लादेश की आधी बत्ती की गुल, बकाया बिल भुगतान न होने पर सप्लाई में की कटौती। विधानसभा चुनावी मोड में गुजर रहे झारखंड कुछ अलग मिजाज में भी हमेशा की ही भांति सुर्खियों में है। इस बार यह अंतरराष्ट्रीय स्तर के व्यापारिक स्तर पर चर्चा में है।
दरअसल, इस बार झारखंड राज्य अडानी पावर झारखंड लिमिटेड के नए कदम के चलते सुर्खियों में है। मशहूर औद्योगिक अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पावर झारखंड लिमिटेड ने बांग्लादेश को बिजली की सप्लाई आधी कर दी है।
इसके पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि बिजली के बकाया बिलों का बांग्लादेश की सरकार की ओर से पेमेंट नहीं किया जाना है।
यही नहीं, अडानी पावर झारखंड लिमिटेड ने जो सख्त रुख अपनाया है, उसके मुताबिक यदि बांग्लादेश सरकार के स्तर पर तत्काल मसला नहीं सुलझाया गया तो आने वाले दिनों में बांग्लादेश में अंधेरा छा जाने यानी पूरी तरह से बत्ती गुल होने की नौबत भी आ सकती है।
APJL का बांग्लादेश पर है 846 मिलियन डॉलर का बिजली बकाया
बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद से बने हालात के अडानी समूह बांग्लादेश के प्रति व्यापारिक लेनदेन में मुरव्वत देने के पक्ष में नहीं दिख रहा है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के हटने के बाद जब से नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का कार्यभार संभाला है, तभी से अडानी बकाया भुगतान करने का दबाव बना रहे हैं। अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने भी मुख्य सलाहकार यूनुस को इस बारे में पत्र लिखा था।
अब अडानी पावर की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी अडानी पावर झारखंड लिमिटेड (APJL) ने बांग्लादेश को अपनी आधी बिजली की सप्लाई रोक दी है। कंपनी का उसके ऊपर 846 मिलियन डॉलर का बकाया है।
पावर ग्रिड बांग्लादेश पीएलसी के आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि अडानी प्लांट ने बीते गुरुवार रात को आपूर्ति कम कर दी एवं बांग्लादेश ने गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात को 1,600 मेगावाट से अधिक की बिजली आपूर्ति में कमी होने की सूचना दी, क्योंकि 1,496 मेगावाट का प्लांट अब एक यूनिट से 700 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है।
APJL ने बांग्लादेश को भुगतान न करने पर बिजली कटौती की दे चुकी थी चेतावनी…
इससे पहले अडानी कंपनी ने ऊर्जा सचिव को पत्र लिखकर बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड से 30 अक्टूबर तक बकाया राशि का भुगतान करने को कहा था। बीते 27 अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा गया था कि यदि बिलों का भुगतान नहीं किया गया तो कंपनी 31 अक्टूबर 2024 को बिजली आपूर्ति बंद कर पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत सुधारात्मक कार्रवाई करने को बाध्य होगी।
कंपनी ने कहा था कि पीडीबी ने न तो बांग्लादेश कृषि बैंक से 170.03 मिलियन अमरीकी डालर की राशि के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट उपलब्ध कराया है और न ही 846 मिलियन अमरीकी डालर की बकाया राशि का भुगतान किया है।
दूसरी ओर, बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड यानी पीडीबी के एक अधिकारी ने इस बाबत जारी बयान में अडानी कंपनी पर ज्यादा बिजली दर लिए जाने का आरोप लगाया है।
पीडीबी अधिकारी ने दावा किया है कि बांग्लादेश सरकार ने पहले पिछले बकाए का एक हिस्सा चुका दिया था, लेकिन जुलाई से अडानी कंपनी पिछले महीनों की तुलना में अधिक पैसे ले रहा है। पीडीबी करीब 18 मिलियन अमरीकी डालर का साप्ताहिक भुगतान कर रहा है, जबकि शुल्क 22 मिलियन डालर से अधिक है। उसी कारण से बकाया भुगतान फिर से बढ़ गया है।