मंजेश कुमार
पटना: बिहार में इंडिया गठबंधन में राजद बड़े भाई की भूमिका में है और गठबंधन को राजद सुप्रीमो लालू यादव और तेजस्वी यादव लीड कर रहे हैं। अगले वर्ष विधानसभा चुनाव को लेकर भी सभी पार्टियां अपनी तैयारी में जुट गई है। अब चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान भी शुरू हो गई है। हालांकि अभी यह बातचीत शुरू भी नहीं हुई है कि बिहार विधानसभा चुनाव में कौन पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगी लेकिन अभी से कांग्रेस और वाम दलों ने राजद की मुश्किलें बढ़ानी शुरू कर दी हैं।
पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस 2020 में जितनी सीटों पर चुनाव लड़ी थी उससे कम सीट पर इस बार भी चुनाव नहीं लड़ेगी वहीं दूसरी तरफ वाम दलों ने भी 80 सीटों की मांग कर दी है। बता दें कि 2020 विधानसभा चुनाव में राजद ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था जबकि कांग्रेस ने 70 जबकि वामदलों को 29 सीटें दी गई थी।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव में पार्टियों को प्रदर्शन के हिसाब से सीटें मिलनी चाहिए। वहीं कांग्रेस के सांसद पप्पू यादव ने भी कहा है कि 2025 विधानसभा चुनाव कांग्रेस के नेतृत्व में लड़ा जाना चाहिए और सीएम दिल्ली में चुने जाने चाहिए। अब वहीं दूसरी तरफ वामदलों ने भी 80 सीटों की मांग कर दी है। सीपीआईएमएल विधानमंडल दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि हमारी परफॉर्मेंस पिछले विधानसभा चुनाव में अच्छी रही है इसी को देखते हुए इस बार हमें पहले से अधिक सीट मिलनी चाहिए।
ऐसे में अब राजद के पास महज 93 सीटें ही मिलेंगी। इतना ही नहीं बिहार में इंडिया गठबंधन में पूर्व मंत्री एवं वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी भी कुछ सीटों पर अपना दावा ठोकेंगे। ऐसे में अब लालू- तेजस्वी को सभी पार्टियों को मनाना आसान नहीं होगा। बता दें कि 2020 विधानसभा चुनाव में राजद ने 144 सीट पर चुनाव लड़ा था जिसमें उसे 75 सीट पर जीत मिली थी जबकि कांग्रेस ने 70 में 19 और वामदलों ने 29 में 16 सीटें जीती थी।
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