रांची : झारखंड राज्य के लिए हुए आंदोलन में शामिल हुए हजारों लोग अपनी मांगो को लेकर मोराबादी मैदान में पहुंचे हैं. ये लोग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन से मिल कर अपनी मांगों को रखेंगे. आंदोलनकारी खुद को मान्यता देने के साथ-साथ पेंशन और अपने बच्चों को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहें हैं. आंदोलनकारियों ने सरकार के सामने 11 सूत्री मांग रखी हैं. इनमें उन लोगों का नाम भी सूची में शामिल किए जाने की मांग शामिल है. जिन्होने आंदोलन में भाग लिया, लेकिन उन्हें चिन्हित नहीं किया जा सका.
आन्दोलनकारियों की 11 सूत्री मांगो में झारखण्ड आन्दोलनकारी आयोग का गठन करना है और आयोग का कार्यकाल कम से कम 3 वर्ष का होना चाहिए. आन्दोलनकारियों को चिकित्सा सुविधा, आश्रितों को पेंशन का लाभ सुनिश्चित होना चाहिए. झारखण्ड आन्दोलनकारियों के नाम पर चौक-चौराहों मार्गों एवं संस्थानों का नामकरण किया जाना चाहिए. आन्दोलनकारियों के आश्रित पुत्र-पुत्री को राज्य सरकार की सेवा में नियुक्ति का प्रावधान किया जाना चाहिए.
झारखण्ड राज्य आवास बोर्ड की कॉलोनियों में मकान आवंटित करने की नीति तय की जानी चाहिए. झारखण्ड आन्दोलनकारियों की राज्य एवं सभी जिलों के परिसदनों में निशुल्क रहने की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए. राज्य के अन्दर कहीं भी सरकारी बसों में यात्रा पास होनी चाहिए. राज्य के सभी चिकित्सालयों में विशिष्ट श्रेणी की मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान होनी चाहिए. राज्य सरकार की 20 सूत्री, 15 सूत्री, निगरानी समितियों के सभी स्तरों पर आन्दोलनकारियों को 50% स्थान दिया जाना चाहिए. ब्याज रहित 50 लाख तक का ऋण मुहैया किया जाना चाहिए और आन्दोलनकारियों का कोटा 25% तय की जानी चाहिए.
रिपोर्ट : प्रोजेश