जिन पर होगा केस उनको जीवन में नहीं मिलेगी नौकरी
नई दिल्ली : अग्निपथ योजना युवाओं के लिए फायदेमंद है. इस योजना की चर्चा 2 साल पहले से चल रही थी.
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युवाओं के दुविधा को दूर करते हुए सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि
सेना को युवा लोगों की जरूरत है. आज सेना की औसत उम्र 32 साल है,
इसे हम कम करके 26 साल पर करने की कोशिश कर रहे हैं.
1989 से ही इस योजना पर विचार शुरू हुआ- सेना
सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि युवा ज्यादा रिस्क ले सकते हैं ये हम सभी को पता है.
उन्होंने कहा कि 1989 में इस योजना पर विचार करना शुरू हो गया.
और इसे लागू करने से पहले कई देशों में सेना में नियुक्तियों और
वहां के एग्जिट प्लान का अध्ययन किया गया.
अनिल पुरी डीएमए (Dept of Military Affairs) )में एडिशनल सेक्रेटरी हैं.
50-60 हजार सैनिकों की करेंगे बहाली
सेना ने कहा कि अगले 4-5 वर्षों में, हम 50-60 हजार सैनिकों की बहाली करेंगे और बाद में इसे बढ़ाकर 90,000- 1 लाख तक किया जाएगा. हमने योजना का विश्लेषण करने के लिए 46,000 जवानों से छोटी शुरुआत की है.
अग्निवीरों के साथ नहीं होगा कोई भेद-भाव
अनिल पुरी ने कहा कि ‘अग्निवीरों’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है. सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा. जो कपड़े सेना के जवान पहनते हैं वहीं कपड़े अग्निवीर पहनेंगे, जिस लंगर में सेना के जवान खाना खाते हैं वहीं पर अग्निवीर खाएंगे. जहां पर सेना के जवान रहते हैं वहीं पर अग्निवीर ही रहेंगे.
गांव से आते हैं 70 फीसदी जवान
तीनों सेनाओं की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया गया कि, तीनों सेनाओं में जवान जल्दी पेंशन ले रहे हैं. हजारों जवान 35 साल की उम्र में बाहर चले जाते हैं. आज तक हमने ये नहीं कहा कि ये बाहर जाकर क्या काम कर रहे हैं. सेना की तरफ से कहा गया कि, कल ड्रोन वॉरफेयर होगा, आज एक टैंक को कोई आदमी नहीं बल्कि ड्रोन चला रहा है. इसके लिए अलग किस्म के लोग चाहिए. वो भारत का नौजवान है, क्योंकि वो टेक्नोलॉजी के साथ पैदा हुए हैं. वो गांव से आता है. अगर 70 फीसदी जवान गांवों से आते हैं तो हमें उन्हें देखकर ही तमाम फैसले लेने हैं. उनके पास वहां पर खेत हैं या फिर कोई छोटा व्यवसाय है. उम्र में हमने कोई बदलाव नहीं किया है.
अग्निवीरों को मिलेगा ज्यादा अलाउंस
सेना की तरफ से बताया गया कि एक सेवानिधि योजना है, जिसमें अग्निवीर का योगदान 5 लाख है, सरकार अपनी तरफ से 5 लाख देगी. उनके सभी अलाउंस सेम होंगे. उनमें और जवानों में कोई भी अंतर नहीं होगा. क्योंकि वो हमारे साथ ही लड़ेगा. कोई गुंजाइश नहीं है कि हम उसे कमतर आंके. सेना में शहीद होने पर 1 करोड़ का इंश्योरेंस मिलेगा. जिस पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना होगा.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय सेना के एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा, भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और भारतीय वायु सेना के कार्मिक प्रभारी एयर मार्शल सूरज झा उपस्थित थे. इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज इस मसले पर तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक मीटिंग की.