यूपी के Ballia में सरकारी अस्पतालों में तैनात फर्जी स्टाफ नर्सों के खिलाफ FIR, सभी फरार

वाराणसी/बलिया : यूपी के Ballia में सरकारी अस्पतालों में तैनात फर्जी स्टाफ नर्सों के खिलाफ FIR होते ही सभी फरार। यूपी के बिहार की सीमा से सटे Ballia जिले में सरकारी अस्पतालों में स्टाफ नर्सों की तैयानी में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है।

CM Yogi आदित्यनाथ के निगरानी तंत्र ने जैसे ही मामले को पकड़ा और कार्रवाई शुरू की तो सभी आरोपी भूमिगत हो गए। कोई भी ड्यूटी स्थल पर नहीं है और दस्तावेजों में दिए गए पते पर मिला है। Yogi सरकार ने प्रकरण पर गंभीर संज्ञान लिया है।

सभी आरोपियों के खिलाफ Ballia जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से FIR दर्ज कराई गई है। बीते रविवार को FIR दर्ज होने के बाद फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं लेकिन तत्काल फरार आरोपियों में से किसी का कोई सुराग नहीं मिला है।

दो महिलाओं समेत 15 के खिलाफ FIR

मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्वी यूपी यानि पूर्वांचल के Ballia जिला के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने के आरोप में 2 महिलाओं समेत 15 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है। Ballia के CMO डॉ. विजय पति द्विवेदी ने इसकी पुष्टि की है।

CMO डॉ. विजय पति द्विवेदी ने बताया कि आरंभिक जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में FIR दर्ज कर जांच शुरू की है। FIR में उल्लेखित 2 महिलाएं समेत सभी 15 आरोपी बलिया के ही रहने वाले हैं।

ये सभी आरोपी Ballia जिले में ही विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर स्टाफ नर्स के पद पर तैनात थे। ये सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे थे।

बलिया के पीएचसी की फाइल फोटो
बलिया के पीएचसी की फाइल फोटो

गोपनीय जांच में Yogi सरकार ने पकड़ा यह फर्जीवाड़ा…

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, Ballia के स्वास्थ्य विभाग में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) में तैनात कई स्टाफ के खिलाफ यूपी के Yogi सरकार को शिकायत मिली थी कि यहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्तियां हुई हैं या अभ्यर्थियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्तियां पाई हैं। उसके बाद Yogi सरकार ने पूरे मामले की गोपनीय जांच शुरू कराई तो पूरा मामला पकड़ में आया।

प्राप्त ब्योरे के मुताबिक,Yogi सरकार की 7 सदस्यीय टीम की जांच में Ballia के स्वास्थ्य विभाग में हुआ यह फर्जीवाड़ा सामने आया। उसके बाद यूपी स्वास्थ्य निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि Ballia में हुईं इनकी नियुक्तियां अवैध हैं।

पुलिस ने बीते रविवार को FIR दर्ज होते ही पूरे प्रकरण की पुष्टि कर दी। दर्ज FIR का हवाला देते हुए पुलिस ने बताया कि CMO (जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी) डॉ. विजय पति द्विवेदी की शिकायत पर Ballia शहर कोतवाली में केस दर्ज कर लिया गया है।

इसमें आरोपी चंद्रा, गीता यादव, उपेन्द्र , जितेंद्र यादव, संतोष कुमार, अनिल कुमार, अजय कुमार, विकास यादव, आशीष कुमार सिंह, अनिल , संदीप कुमार, शिवम यादव, विवेक कुमार, अंकित कुमार और राहुल के नाम का उल्लेख है।

इन आरोपियों के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 409 , 419 , 420 (धोखाधड़ी) , 468 , 471 (दस्तावेज़ों में हेरफेर) और 120 बी (साज़िश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बलिया जिले के स्वास्थ्य केंद्र की सांकेतिक तस्वीर
बलिया जिले के स्वास्थ्य केंद्र की सांकेतिक तस्वीर

दस्तावेजों के सत्यापन का निर्देश मिलते ही फरार हो गए सभी आरोपी

Ballia के स्वास्थ्य विभाग में पकड़ में इस हैरतअंगेज फर्जीवाड़े में कई रोचक तथ्य सामने आए हैं। जांच को आंच न आने देने के लिए पूरे ब्योरे का पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अभी खुलासा नहीं कर रहे हैं।

फिर भी CMO डॉ. विजय पति द्विवेदी और कोतवाली प्रभारी निरीक्षक योगेंद्र बहादुर सिंह ने मीडिया से इतना ही कहा कि FIR दर्ज कर ली गई है। सभी नामजद आरोपी फरार हैं एवं वे सभी Ballia जिला के ही निवासी हैं। फरार सभी आरोपी जिले के विभिन्न प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्टाफ नर्स के पद पर तैनात थे।

CMO डॉ. विजय पति द्विवेदी
CMO डॉ. विजय पति द्विवेदी

आरंभिक तौर पर विभाग के संज्ञान में आया था कि Ballia जिले के विभिन्न प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कुछ तथाकथित कर्मचारी फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर कार्य कर रहे हैं। फिर इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए 7 सदस्यीय टीम ने मामले की जांच की तो अंदेशा सही मिला।

उसी आधार पर बीते 3 अक्टूबर 2024 को आरोपी कर्मियों से काम नहीं लेने और उनके वेतन पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया। उसके साथ ही कर्मचारियों को नियुक्ति संबंधी दस्तावेजों का भी सत्यापन कराने का निर्देश दिया गया।

CMO डॉ. विजय पति द्विवेदी ने बताया कि इस निर्देश के बाद सभी आरोपी कर्मी फरार हो गए। साथ ही स्वास्थ्य निदेशालय ने जांच के बाद स्पष्ट किया कि नियुक्तियां अवैध हैं। मामले में विधिक कार्रवाई की जा रही है।

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