Garhwa- चिनिया प्रखण्ड के जमुनियाटांड में अखिल भारतीय आदिवासी महासभा की दो दिवसीय बैठक में आदिवासी समाज के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों का और उसके राजनीतिक-सामाजिक समाधान पर गहन चर्चा हुई. बैठक को संबोधित करते हुए केन्द्रीय कमिटि के अध्यक्ष जेपी मिंज ने कहा है कि संगठन को धारदार और सक्रिय बनाना एक बड़ी चुनौती है. क्योंकि बगैर संगठन विस्तार के हम अपने मुद्दों को सत्ता के गलियारों तक नहीं पहुंचा सकते हैं.
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अखिल भारतीय आदिवासी महासभा ने रंका अनुमण्डल को अनुसूचित क्षेत्र घोषित करने की मांग की
सभा को संबोधित करते हुए आदिवासी- बहुजन चिंतक सुनील मिंज ने कहा कि आज पूंजीवादी व्यवस्था के दबाव में आदिवासी मूलवासी समाज की संस्कृति खतरे में हैं, हमारी जल, जंगल और जमीन पर कंपनियों की गिद्ध दृष्टि है. यदि हमने प्रतिरोध को तेज नहीं किया तो सब कुछ हमारे हाथ से निकल जायेगा.
इस अवसर पर 9 अगस्त को पूरे झारखंड में धूमधाम से आदिवासी दिवस मनाने का संकल्प लिया गया, साथ ही इसकी तैयारियों का जायजा भी लिया गया. साथ ही रंका अनुमण्डल को अनुसूचित और सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग भी की गई. इसके लिए आदिवासी महासभा का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिल कर मांग पत्र सौंपेगा.
इस अवसर पर केन्द्रीय महासचिव सुनील किस्पोट्टा, वन संरक्षण और वनाधिकार कानून से जुड़े रहे फिलिप कुजूर, सुनील मिंज, सामाजिक कार्यकर्ता चैतु सिंह, राजेश मिंज, त्योफिल लकड़ा, केशर केरकेट्टा, अर्जून मिंज की मौजूदगी प्रमुख रुप से रही.
विश्व में सर्वश्रेष्ठ आदिवासी संस्कृति-आदिवासी महासभा
रिपोर्ट- शाहनवाज