इंसानों के साथ पक्षियों पर भी पड़ी ठंड की मार, सिकुड़ गए पंख और उड़ना हुआ मुश्किल

बारिश के कारण ठंड बढ़ने से पशु पक्षी हुए परेशान

चार गरूर को इलाज के लिए भेजा गया भागलपुर

मधेपुरा : इस बार की सर्दी ने केवल इंसानों को ही परेशान और बीमार नहीं किया बल्कि इसकी चपेट से पक्षी भी नहीं बच पा रहे हैं. लंबे समय से धूप न निकलने और रात में पारा गिरने से इनका परेशानी बढ़ना शुरू हो गया है. बिहार में तेज आंधी के साथ हुई बारिश से ठंड बढ़ने के कारण पशु-पक्षियों की भी अब इनकी तबीयत बिगड़ गई है.

शुक्रवार की अहले सुबह ठंड से प्रभावित हुए चार गरूरों को इलाज के लिए वन प्रमंडल सहरसा के द्वारा गरूर सेंटर सुंदर वन भागलपुर भेजा गया है. बताया गया कि गुरुवार की देर रात अचानक तेज आंधी के साथ हुई बारिश के कारण ठंड से प्रभावित होकर चौसा पूर्वी पंचायत के वार्ड संख्या 14 के लक्ष्मीनिया टोला बसैठा में अलग-अलग जगहों में अवस्थित पीपल के पेड़ से चार गरूर नीचे गिर गये.

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शुक्रवार की अहले सुबह पेड़ से नीचे गिरे गरूरों की परेशानी को देखते हुए मुखिया प्रतिनिधी मदन मंडल, मिथुन कुमार, नाजिर पासवान, पंकज रजक, अरूण चौधरी, हीरा लाल मंडल सहित अन्य ग्रामीणों ने मामले की जानकारी वरीय अधिकारियों को दी.

घटनास्थल पर पहुंचे सहरसा वन प्रमंडल के वनरक्षी योगेश कुमार ने ठंड और पेड़ से गिरने से घायल हुए गरूरों के मामले की जानकारी वन प्रमंडल भागलपुर के सुंदर वन विभाग को दी. इसके बाद लक्ष्मीनिया टोला बसैठा पहुंचे भागलपुर जिले के वनरक्षी अमन कुमार और शिवम कुमार ने चारों गरूरों को इलाज के लिए भागलपुर लेकर रवाना हुए. गरूर सेंटर सुंदर वन भागलपुर के डां संजीत कुमार ने बताया कि तीन गरूर ठंड से प्रभावित हुआ है और एक गरूर पेड़ से गिरने के कारण घायल हुए है. सभी गरूरों का उपचार शुरू कर दिया गया है.

गरूर सेंटर सुंदर वन भागलपुर के अनुसार सर्दियों में पक्षियों के पंख सिकुड़ जाते हैं जिस वजह से उन्हें उड़ने में दिक्कत होती है. अधिकतर बच्चे घोसलों से भी गिर जाते हैं. प्रदूषण के कारण भी पक्षियों को सांस लेने में काफी परेशानी होती है. इससे हवा में मौजूद विषैले पदार्थ सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं. इससे पक्षियों का नर्वस सिस्टम भी खराब हो जाता है, जिससे उड़ने की क्षमता पर असर पड़ता है.

रिपोर्ट: राजीव रंजन

इंसानों के साथ पक्षियों पर भी पड़ी ठंड की मार, सिकुड़ गए पंख और उड़ना हुआ मुश्किल

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