Munger-सदर प्रखंड स्थित हसनपुर से काली प्रतिमा विसर्जन के अवसर पर गंगा जमुनी तहजीब का अद्भुत नजारा देखने को मिला, इस मुस्लिम बाहुल्य गांव में मुस्लिम समाज के लोगों ने प्रतिमा विसर्जन समिति के सदस्यों को गुलाब फूल और शॉल सम्मानित किया. इस अवसर पर मुस्लिम समाज की ओर से शरबत की भी व्यवस्था की गयी थी.
काली प्रतिमा विसर्जन के पर आयी गंगा जमुनी तहजीब का यह नजारा
दरअसल हसनपुर में काली की प्रतिमा को विसर्जन के लिए एक किलोमीटर दूर सीताकुंड ले जाया जाता है. सीताकुंड जाने के लिए विसर्जन समिति को मुस्लिम बहुल्य गांव बरदह को पार करना पड़ता है, जिसके कारण तनाव की आंशका बनी रहती है. लेकिन कुछ वर्षो से सामाजिक कार्यकर्ताओं की पहल से हिंदू मुस्लिम भाईचारे का अद्भुत मिसाल देखने को मिल रहा है. अब यहां से दोनों समुदायों के जागरुक और
सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा विसर्जन समिति के सदस्यों को
गुलाब का फूल दे सम्मानित करने की पहल की जा रही है.
दो समुदायों को करीब लाने और एक दूसरे की भावनाओं और
सरोकारों को समझने की इस कोशिश की चारो ओर प्रशंसा हो रही है,
खास कर तब जब दोनों समुदायों को एक दूसरे से दूर करने की कोशिशे भी जारी है,