नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच बीती रात हुए सैन्य तनाव के बाद कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मामले में किसी भी तरह की मध्यस्थता नहीं करेगा। अमेरिकी नेता जे.डी. वेंस ने पाकिस्तान की गुहार को ठुकराते हुए कहा, “This is none of our business”। उनका यह बयान साफ संकेत है कि अमेरिका अब भारत की सैन्य कार्रवाई में हस्तक्षेप करने के पक्ष में नहीं है।
पाकिस्तान ने बीती रात जम्मू-कश्मीर और पंजाब में भारतीय ठिकानों पर ड्रोन हमलों की हिमाकत की थी, जिसमें जम्मू एयरपोर्ट, जम्मू यूनिवर्सिटी, पठानकोट और उधमपुर जैसे संवेदनशील स्थान निशाना बनाए गए। हालांकि भारतीय वायुसेना और सेना के संयुक्त ऑपरेशन में इन हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया गया। रक्षा सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने करीब 50 ड्रोन एक साथ छोड़े थे, लेकिन भारत के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी ड्रोन आसमान में ही ध्वस्त कर दिए।
कूटनीतिक मोर्चे पर पाकिस्तान ने तुरंत अमेरिका का दरवाजा खटखटाया था और मध्यस्थता की मांग की थी। लेकिन जेडी वेंस के साफ इनकार ने इस्लामाबाद को झटका दे दिया। वेंस ने कहा, “We are not going to get involved” और यह पाकिस्तान का आंतरिक मामला है, जिसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है। इससे पहले भी अमेरिका ने कई बार पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने की सलाह दी थी, लेकिन इस बार उसका रुख कहीं ज्यादा सख्त और स्पष्ट रहा।
भारतीय सेना ने भी पाकिस्तान के आतंकी ढांचों पर करारा प्रहार किया है। पंजाब प्रांत के बहावलपुर और मुरीदके में स्थित चार प्रमुख आतंकी अड्डों को बीती रात निशाना बनाया गया। बहावलपुर लंबे समय से लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय के तौर पर कुख्यात रहा है, जबकि मुरीदके में भी आतंकी गतिविधियां संचालित होती रही हैं। भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अमेरिका के इनकार ने उसकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
पाकिस्तान के ड्रोन हमले “हमास शैली” में किए गए थे, जिसमें एक साथ बड़ी संख्या में ड्रोन छोड़े गए ताकि सुरक्षा व्यवस्था को चौंकाया जा सके। लेकिन भारत का इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम, जिसमें रूस निर्मित S-400 भी शामिल है, ने पूरी तरह इन हमलों को नाकाम कर दिया।
राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी हाई अलर्ट जारी है। जैसलमेर, श्रीगंगानगर और सूरतगढ़ सहित कई स्थानों को संभावित निशाना बनाया गया था, लेकिन भारतीय सुरक्षा बल पूरी तरह सतर्क रहे। पाकिस्तान की पेशेवर सैन्य कमजोरी और भारत की सख्त जवाबी रणनीति ने इस बार इस्लामाबाद को न केवल सैन्य मोर्चे पर, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी अलग-थलग कर दिया है।
अमेरिका के इस स्पष्ट संदेश के बाद यह साफ है कि वैश्विक ताकतें अब पाकिस्तान की आतंकवादी नीति और सैन्य उकसावे के पक्ष में खड़ी नहीं हैं। भारत ने कूटनीतिक और सैन्य दोनों मोर्चों पर एक बार फिर पाकिस्तान को माकूल जवाब दिया है।