Ramgarh: जिले के सीसीएल (CCL) अरगड्डा क्षेत्र अंतर्गत गिद्दी ‘सी’, रेलीगढ़ा और गिद्दी ‘ए’ कोलियरी क्षेत्र में रोड सेल संचालन समिति के सदस्यों ने बुधवार को जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का उद्देश्य था — रोड सेल को सुचारू रूप से चालू करने और मजदूरों के हित में कार्य सुनिश्चित करने की मांग।
प्रदर्शनकारी पहले जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए निकले और बाद में गिद्दी ‘सी’ व ‘ए’ सेल प्रबंधन को 8 सूत्री और 6 सूत्री मांग पत्र सौंपा। समिति ने गिद्दी ‘सी’ सेल के लिए 8 सूत्री मांगें रखीं, जिनमें प्रमुख हैं —
- पेलोडर लोडिंग बंद कर मजदूरों से लोडिंग शुरू की जाए।
- ई-ऑक्शन का ऑफर बढ़ाया जाए, ताकि 121 दंगलों को प्रतिदिन रोजगार मिले।
- सेल संचालन समिति के माध्यम से ही लिफ्टिंग का कार्य किया जाए।
- ई-ऑक्शन के नए ग्रेडिंग कानून को वापस लिया जाए।
- ई-ऑक्शन और पावर प्लांट के मजदूरों की बकाया राशि तुरंत भुगतान की जाए।
- क्रेशर प्रबंधन और मजदूरों के बीच हुए समझौते को लागू किया जाए।
वहीं गिद्दी ‘ए’ यूनिट में भी 6 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया। समिति ने चेतावनी दी है कि यदि मांगे नहीं मानी गईं, तो 7 नवंबर से डिस्पैच बंद आंदोलन शुरू किया जाएगा।
सीबीआई छापे के बाद सुर्खियों में फिर से ‘सेल’:
प्रदर्शन के बीच यह चर्चा भी जोरों पर है कि 26 फरवरी 2025 को सीबीआई ने गिद्दी ‘सी’ और रेलीगढ़ा सेल में छापा मारा था, जबकि 6 मार्च को गिद्दी ‘ए’ में भी कार्रवाई हुई थी। इस दौरान भ्रष्टाचार, धन उगाही और लोडिंग खर्चों में गड़बड़ी से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए थे।
जांच के बाद गिद्दी ‘सी’ सेल के करीब आठ लोगों और गिद्दी ‘ए’ सेल से चार कर्मचारियों पर कार्रवाई की चर्चा सामने आई थी। छापे के बाद से ही इन सेल यूनिटों में गतिविधियां लगभग ठप पड़ी थीं। अब जब दोबारा संचालन शुरू करने की बात हो रही है, तो लोगों में आशंका है कि कहीं पुराने भ्रष्टाचार तंत्र को फिर से चालू करने की कोशिश तो नहीं हो रही।
क्षेत्र में मचा सरगर्मी और संदेहः
स्थानीय लोगों और मजदूरों में इस मुद्दे को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। जहां मजदूरों को उम्मीद है कि सेल के चालू होने से उन्हें रोज़गार मिलेगा, वहीं कई लोग आशंका जता रहे हैं कि कुछ प्रभावशाली लोग इस बहाने पुराने भ्रष्टाचार के सिस्टम को दोबारा सक्रिय करने की कोशिश में हैं। लोगों का कहना है कि जांच एजेंसियां आंदोलन और पुनः संचालन की पूरी प्रक्रिया पर नजर बनाए हुए हैं। जबकि सीसीएल प्रबंधन बेहद सतर्कता के साथ कदम बढ़ा रहा है।
रिपोर्टः रविकांत
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