गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलियों के संघर्ष विराम प्रस्ताव को खारिज किया। कहा- हथियार डाल आत्मसमर्पण करें, 2026 तक भारत नक्सल मुक्त होगा।
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को स्पष्ट किया कि सरकार नक्सलियों के संघर्ष विराम प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगी। शाह ने कहा कि अगर नक्सली आत्मसमर्पण कर हथियार डालते हैं, तो उनका स्वागत है। सुरक्षा बल उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। लेकिन संघर्षविराम का रास्ता सरकार की नीति में शामिल नहीं है।
अमित शाह ने कहा – “अगर आप (नक्सली) हथियार डालकर सरेंडर करना चाहते हैं तो सुरक्षा बल एक भी गोली नहीं चलाएंगे। आत्मसमर्पण करने वालों को पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा।”
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलियों के संघर्ष विराम प्रस्ताव को किया खारिज।
कहा – सिर्फ आत्मसमर्पण करेंगे तो ही मिलेगा पुनर्वास का लाभ।
नक्सलवाद पर सरकार की सख्त नीति – संघर्षविराम का विकल्प नहीं।
शाह ने भरोसा जताया – 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त होगा भारत।
नक्सलियों को आत्मसमर्पण पर सुरक्षा बलों से किसी कार्रवाई का डर नहीं।
गृहमंत्री ने आगे कहा कि केंद्र सरकार नक्सल समस्या को समाप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा।
यह पहला अवसर है जब किसी केंद्रीय शीर्ष नेता ने हाल ही में नक्सलियों द्वारा दिए गए संघर्ष विराम प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया दी है। शाह ‘नक्सल मुक्त भारत’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह रुख नक्सलवाद के खिलाफ कड़े संदेश के रूप में देखा जाएगा। शाह के अनुसार, नक्सलियों को संघर्षविराम के बजाय आत्मसमर्पण का रास्ता अपनाना होगा, तभी उन्हें सरकार की पुनर्वास योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
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