डिजिटल डेस्क : अमित शाह की दो टूक – यह देश कोई धर्मशाला नहीं…। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बृहस्पतिवार को इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पर विपक्षी सदस्यों के सवालों पर दो टूक जवाब दिया।
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इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पर चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने बिल के प्रावधानों पर विस्तार से जवाब में कहा कि –‘…यह देश कोई धर्मशाला नहीं है। भारत में आने के लिए वैध पासपोर्ट, वैध वीजा अनिवार्य होगा। बिना कागजात के भारत में प्रवेश करने पर कानून सम्मत तरीके से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
…सख्ती से कह रहा हूं कि जाली दस्तावेजों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान किए गए हैं। वीजा की अवधि खत्म होने पर भी देश में रहने वालों को ट्रैक किया जाएगा।
…घुसपैठ रोकने में पश्चिम बंगाल की सरकार ने सहयोग नहीं किया। सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए बाड़ लगाने के लिए बंगाल सरकार ने 10 बार पत्र लिखे जाने के बावजूद जवाब नहीं दिया।’
विपक्ष को अमित शाह ने लिया आड़े हाथ..
इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया। लोकसभा में अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि – ‘…जिस तरह के सवाल पूछे गए हैं, उनसे काफी हैरानी होती है। …देश की जनता ने भाजपा को वोट दिया। हमने बहुमत की सरकार बनाई है।
…ऐसे में सरकार के पास विदेशी लोगों की घुसपैठ, भारत आने वाले लोगों के पास वैध कागजात हैं या नहीं, इसकी जांच करने का पूरा अधिकार है।
…देश की सुरक्षा व अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, मैन्युफैक्चरिंग व व्यापार को बढ़ावा देने, शिक्षा प्रणाली को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने व हमारे विश्वविद्यालयों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित बनाने के लिए भी आप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक (Immigration and Foreigners Bill 2025) बेहद जरूरी है।’
इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह के जवाब के साथ ही गुरुवार शाम करीब 6.20 बजे लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विधेयक पारित होने का एलान किया।
पहले स्पीकर बिरला ने विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों पर मतदान की औरचारिकताएं पूरी कीं। विपक्षी सांसदों की तरफ से परेश अधिकांश संशोधन खारिज हो गए।

अमित शाह : इमिग्रेशन कोई आइसोलेटेड मुद्दा नहीं
इससे पहले लोकसभा में आप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक पर विपक्षी सदस्यों के सवालों का जवाब देने के क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अहम संबोधन दिया।
अमित शाह ने कहा कि – ‘…इमिग्रेशन कोई आइसोलेटेड मुद्दा नहीं है। देश की सीमा में कौन आता है, कब आता है, कितनी अवधि तक आता है और किस उद्देश्य से आता है ? …यह जानने का अधिकार देश की सरकार के पास है।
…ऐसा करना सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। पश्चिम बंगाल में 2026 का विधानसभा चुनाव ऐसे ही मुद्दों पर जीतेंगे। वहां ल450 किलोमीटर की सीमा राज्य सरकार की कृपादृष्टि के कारण अभी तक असुरक्षित है।
…लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं चलेगा। मैं खुद 10 बार पत्र भेजकर राज्य सरकार से अपील कर चुका हूं। लेकिन सहयोग नहीं किया जा रहा है।
…वहां राज्य सरकार घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों के प्रति सहानुभूति रखती है, उन्हें आधार कार्ड दिए जाते हैं। इन कारणों से देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।’

‘दुनिया की सबसे सूक्ष्म अल्पसंख्यक आबादी भारत में सुरक्षित…’
इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि –‘…जो लोग व्यापार, शिक्षा और निवेश के लिए भारत आते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन जो हमारी सुरक्षा के लिए खतरा बनेंगे, उन पर कड़ी नजर और सख्त निगरानी होगी। यह विधेयक दोनों उद्देश्यों की पूर्ति करेगा।
…जो प्रवासी भारत के विकास के लिए आ रहे हैं, हम उनका स्वागत करते हैं। जो लोग देश में शिक्षा के लिए, व्यापार के लिए, रिसर्च के लिए आते हैं हम उनका स्वागत करते हैं। पीएम मोदी का लक्ष्य है कि साल 2047 तक हमारा देश एक विकसित राष्ट्र बने।
…इसी वजह से हम कई पुराने कानूनों को खत्म किया। आव्रजन कोई अलग मुद्दा नहीं है। देश के कई मुद्दे इससे जुड़े हुए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह जानना बहुत जरूरी है कि देश की सीमा में कौन घुसता है। हम उन लोगों पर भी कड़ी नजर रखेंगे जो देश की सुरक्षा को खतरे में डालेंगे।

…10 साल में हमारा अर्थतंत्र 11वें नंबर से 5वें नंबर पर पहुंच गया है। पूरी दुनिया के अर्थतंत्र की सूची में भारत एक चमकदार जगह बनकर उभरा है। भारत मैन्युफैक्चरिंग का हब बनने जा रहा है।
…ऐसे में हमारे यहां विश्वभर से लोगों का आना बड़ा स्वभाव है। हमारा इमीग्रेशन का स्कैन और साइज दोनों बहुत बड़ा है। इसके साथ-साथ शरण लेने की जगह पर उनके निहित निवास और देश को असुरक्षित करने वालों की संख्या भी बढ़ती है।
…ऐसे में जो लोग भारत की व्यवस्था में योगदान देने के लिए आते हैं, व्यापार और शिक्षा के लिए आते हैं, ऐसे सभी लोगों का स्वागत है, चाहे वो रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी हो।
…अगर लोग यहां गंदगी फैलाने के लिए आते हैं तो इन लोगों के साथ बड़ी दोस्ताना व्यवहार नहीं किया जा सकता।
हां…भारत का शरणार्थियों के प्रति एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास रहा है। पारसी समुदाय हमारे देश में शरण लेने आये और आज वे पूर्णतः सुरक्षित हैं। …दुनिया की सबसे सूक्ष्म अल्पसंख्यक आबादी आज भारत में सुरक्षित और सम्मान से जीवन जी रही है।’