पटना: मंगलवार को राजधानी पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में 24 अहम एजेंडों की स्वीकृति दी गई। इन एजेंडों में एक एजेंडा है सीतामढ़ी में स्थित माता सीता की जन्मस्थली पुनौराधाम में भव्य मंदिर निर्माण। इस मंदिर के निर्माण के लिए कैबिनेट ने 882 करोड़ 87 लाख रूपये की स्वीकृति दी है। इस मंदिर के निर्माण की मांग काफी लंबे समय से हो रही है खास कर अयोध्या में भगवान राम का मंदिर निर्माण के बाद पुनौराधाम मंदिर निर्माण की मांग तेज हो गई थी।
इसके बाद राज्य सरकार ने इस मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी ली और बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी थी। कैबिनेट में मंदिर निर्माण की स्वीकृति के बाद एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी।
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सीएम नीतीश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा है कि ‘मुझे बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि जगत जननी मां जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम, सीतामढ़ी को समग्र रूप से विकसित किए जाने हेतु भव्य मंदिर सहित अन्य संरचनाओं के निर्माण की योजना को आज कैबिनेट से मंजूरी दे दी गई है। आज कैबिनेट में पुनौराधाम के समग्र विकास के लिए तैयार की गई वृहद योजना के लिए 882 करोड़ 87 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस योजना का जल्द ही कार्यारंभ कर दिया जाएगा। मैंने अगस्त महीने तक इसका शिलान्यास कराने का निर्देश दिया है।
हमलोग पुनौराधाम, सीतामढ़ी में भव्य मंदिर निर्माण शीघ्र पूरा कराने हेतु कृतसंकल्पित हैं। इसका श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या की तर्ज पर समग्र विकास किया जाएगा। पुनौराधाम में मां जानकी के भव्य मंदिर का निर्माण सभी देशवासियों के लिए तथा विशेष रूप से हम सभी बिहारवासियों के लिए सौभाग्य एवं गर्व की बात है।’ मंदिर निर्माण की घोषणा के बाद स्थानीय लोगों में काफी ख़ुशी देखी जा रही है।
बिहार को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाने की पहल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जानकी मंदिर निर्माण का विजन केवल सिर्फ एक मंदिर निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बिहार को धार्मिक रूप से पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होने वाला है। पुनौराधाम में बनने वाला यह भव्य परिसर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक दिव्य अनुभव होगा। इससे न सिर्फ राज्य की सांस्कृतिक पहचान को सशक्त होगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और आजीविका के नए अवसर पैदा करेगा।
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आर्थिक विकास और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का मेल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह प्रयास बिहार को धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से पुनर्स्थापित करने की दीर्घकालिक सोच का हिस्सा है। सीएम नीतीश कुमार का मानना है कि आध्यात्मिक स्थलों के विकास से राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति मिल सकती है। पर्यटन से जुड़े क्षेत्र जैसे होटल, परिवहन, स्थानीय हस्तशिल्प और सेवा उद्योगों में भी व्यापक आर्थिक प्रभाव देखने को मिलेगा।
आस्था से अर्थव्यवस्था की ओर
बिहार सरकार के इस फैसले से यह साफ है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार को केवल विकासशील राज्य नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और अर्थव्यवस्था का संगम बनाने का सपना देख रहे हैं। जानकी जन्मस्थली का यह समग्र विकास देशभर के श्रद्धालुओं के लिए बिहार को एक आकर्षक और गरिमामयी गंतव्य में बदल देगा।
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