राजधानी रांची की सड़कों पर सरकार विरोधी नारे, विधान सभा का घेराव करने पहुंचे आदिवासी-मूलवासी संगठन

Ranchi-विधान सभा का घेराव करने पहुंचे आदिवासी-मूलवासी संगठन, राजधानी रांची की सड़कों पर गुंज रहे सरकार विरोधी नारे-आदिवासी-मूलवासी संगठन 1932 का खतियान का लागू करने की मांग को लेकर विधान सभा का घेराव कर रहे हैं, झारखंड के विभिन्न जिलों से आदिवासी-मूलवासी संगठन राजधानी रांची की ओर कुच कर गए हैं. आदिवासी संगठनों ने सदन को घेरने की घोषणा की है.

ताजा जानकारी के अनुसार विधान सभा से आधा किलोमीटर आगे ही सड़क को बैरिकेडिंग कर दिया है. आदिवासी मूलवासी संगठनों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के साथ ही वाटर टैंकर को तैनात कर दिया गया है.

आदिवासी मूलवासी संगठन कर रहे हैं 1932 का खतियान लागू करने की मांग  

बता दें कि आदिवासी मूलवासी संगठनों की मांग 1932 का आधार बना कर स्थानीय नीति और नियोजन नीति की बनाने की  रही है. इसको लेकर झारखंड के करीबन सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन का दौर जारी है. सरकार विरोधी नारे लगाये जा रहे हैं.

यहां यह भी बता दें कि 1932 का खतियान की बात जेएमएम ने अपने घोषणा पत्र में भी की थी. लेकिन सरकार के दो वर्ष पूरा होने के बाद भी हेमंत सरकार इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं ले पाई है. यद्धपि सरकार में शामिल कई विधायकों और मंत्रियों के द्वारा न सिर्फ इसकी मांग की जा रही है,  बल्कि सदन के बाहर के ये मंत्री और विधायक 1932 का खतियान लागू करने का समर्थन करते भी रहे हैं. कई ने तो आदिवासी-मूलवासियों को ओर से आयोजित धरना-प्रदर्शनों में भाग भी लिया है और इसे लागू करने का आश्वासन भी दिया है.

जगरनाथ महतो ने विधान सभा के बाहर दिया 1932 का खतियान लागू करने का आश्वासन 

इस बीच आज  सदन के बाहर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हम जल्द ही इसे लागू करने जा रहे हैं, यद्धपि जगरनाथ महतो ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि 1932 के खतियान के अलावे भी इसमें कई पैमाने होंगे, इसके साथ कुछ अलग अलग जिलों में इसका पैमाना अलग भी हो सकता है, जिन जिलों में अंतिम सेटलमेंट 1932 का बाद किया गया है, उन जिलों में अंतिम सेटलमेंट को आधार बनाया जाएगा.

अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण राज्य की बदनामी-आदिवासी-मूलवासी संयुक्त मोर्चा

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