डिजीटल डेस्क : Arrest Warrant In Paper Leak – पेपर लीक मामले में यूपी के सत्ताधारी गठबंधन के विधायक छेदीराम पर 26 को आरोप होंगे तय, गिरफ्तारी वारंट जारी। नीट पेपर लीक मामला सुर्खियों में हैं और उसमें सीबीआई की ओर ताबड़तोड़ एक्शन जारी है लेकिन बिहार – झारखंड के पेपर लीक गिरोहों से भी काफी पहले पेपर लीक के आरोपों में सुर्खियों में रहे छेदीराम समेत दो विधायक भी अचानक चर्चाओं के केंद्र में आ गए हैं। ये दोनों ही विधायक पूर्वी यूपी यानी पूर्वांचल से हैं और गैंगस्टर कोर्ट ने दोनों विधायकों समेत 19 आरोपियों के खिलाफ रेलवे भर्ती पेपर लीक मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। उन सभी के खिलाफ 26 जुलाई को लखनऊ के गैंगस्टर कोर्ट में आरोप तय होगा। वर्ष 2006 में रेलवे भर्ती का पेपर लीक करने के मामले में गाजीपुर के जखनियां से विधायक बेदी राम और भदोही के ज्ञानपुर से विधायक विपुल दुबे मुख्य आरोपी हैं।
पेपर लीक में विधायकों की संलिप्तता से सिस्टम पर उठ चुके हैं सवाल
नीट यूजी हो या रेलवे भर्ती अथवा अन्य कोई अहम परीक्षा, उसके पेपर लीक में मामूली शख्स का हाथ नहीं हो सकता। यूपी के विधायक बेदी राम और विपुल दुबे गैंग की गिरफ्तारी का आदेश इसी पावरफुल नेक्सस की ओर इशारा करता है। एक तरफ नीट यूजी पेपर लीक के खिलाफ कार्रवाई और कोर्ट में सुनवाई चल रही है तो वहीं साल 2006 में रेलवे भर्ती पेपर लीक केस में गैंगस्टर कोर्ट से विधायक बेदी राम के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हुआ है। यूपी की राजधानी लखनऊ के गैंगस्टर कोर्ट में जारी सुनवाई के क्रम में लखनऊ के गैंगस्टर कोर्ट ने आरोपी विधायक बेदी राम, दीनदयाल, शिव बहादुर सिंह, संजय श्रीवास्तव और अवधेश सिंह की ओर से दाखिल हाजिरी माफी के प्रार्थना प्तर को खारिज कर दिया। साथ ही पहले से गैरहाजिर सभी आरोपियों के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है।
एसटीएफ ने 2006 में इन दोनों मौजूदा विधायकों को पेपर लीक में दबोचा था
सुभासपा के मौजूदा विधायक बेदी राम को वर्ष 2006 में रेलवे भर्ती का पेपर लीक करने के मामले में यूपी एसटीएफ ने उनके साथियों समेत गिरफ्तार किया था। उसी मामले की कोर्ट में सुनवाई चल रही है। गैंगस्टर कोर्ट से जारी वारंट के क्रम में अब दोनों विधायकों को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया जाएगा। विधायक बेदी राम और विपुल दुबे के गैंग के खिलाफ पेपर के लीक के कुल 9 केस दर्ज हैं। वर्ष 2006 में यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ ने रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा का पेपर लीक को लेकर बहुत बड़ा खुलासा किया था। तब एसटीएफ ने 26 फरवरी 2006 को बताया था कि रेलवे भर्ती पेपर लीक प्रकरण में मुख्य आरोपी नंबर 1 हैं बेदी राम और आरोपी नंबर 7 हैं विपुल दुबे। तब एसटीएफ ने लखनऊ के आलमबाग के एक मकान में छापा मार कर बेदी राम और उसके अन्य साथियों को गिरफ्तार किया था। उस छापेमारी में एसटीएफ को कई वाहन सहित भर्ती प्रक्रिया में शामिल अभ्यर्थियों के ओरिजिनल सर्टिफिकेट भी मिले थे। सभी आरोपियों के खिलाफ कृष्णानगर थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। एसटीएफ ने उन सभी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया था।
रेलवे में टीटीई था रेलवे भर्ती पेपर लीक का मुख्य आरोपी विधायक बेदी राम
यूपी एसटीएफ ने जब रेलवे भर्ती पेपर लीक गिरोह के सरगनाओं को दबोचते हुए पूरे मामले का खुलासा किया तो कई रोचक जानकारियां सामने आई थीं। जिस मुख्य आरोपी बेदी राम को एसटीएफ ने लखनऊ के मकान से दबोचा था, वह खुद कभी रेलवे का टीटीई हुआ करता था। बेदी राम मूल रूप से वाराणसी जनपद से सटे जौनपुर का रहने वाला है। राजनीति में आने से पहले वह रेलवे में टीटीई की नौकरी करता था। अब बेदी राम ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा यानी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर विधायक है। साल 2022 में गाजीपुर के जखनियां से विधानसभा चुनाव में विधायक निर्वाचित हुआ था। जखनिया अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट है। उस चुनाव में सुभासपा का सपा से चुनावी गठबंधन था और तब बेदी राम ने अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी को करीब 36 हजार वोटों से हरा दिया था। दलित बहुल उस विधानसभा क्षेत्र में बेदी राम को 44.53 फीसदी वोट मिले थे। हालांकि बाद में सुभासपा प्रमुख ने सपा से नाता तोड़कर भाजपा से गठबंधन कर लिया। लिहाजा सुभासपा का अब उत्तर प्रदेश की सत्ता में भाजपा से गठबंधन है। यह पहली बार नहीं है कि बेदी राम को जेल जाना पड़ेगा, बल्कि इससे पहले भी वह कई बार जेल जा चुके हैं। साल 2014 से पहले उसे पेपर लीक के मामले में ही 2006, 2008 और 2009 में गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। साल 2014 में बेदी राम के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और एनएसए भी लगा था।
पुलिस के अनुसार, पेपर लीक से अकूत संपत्ति बना चुका आरोपी विधायक बेदी राम
विधायक बेदी राम को पेपर लीक का सरगना माना जाता है। रेलवे भर्ती समेत वह कई बार पेपर लीक करवा चुका है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक वह मध्य प्रदेश में मेडिकल ऑफिसर परीक्षा का भी पेपर लीक करवा चुका है। उस कांड में भी पुलिस को उसकी तलाश थी। पुलिस का कहना है कि पेपर लीक करवा के उसने अकूत धन अर्जित कर रखा है, जिसका कोई हिसाब नहीं है। मध्य प्रदेश के अलावा बेदी राम पर हिमाचल प्रदेश में भी पेपर लीक करवाने का आरोप है। वर्ष 1993 में अवध यूनिवर्सिटी से बीए करने वाले बेदी राम के बारे में बताया जाता है उसके संबंध नौकरशाहों से लेकर राजनीति के रसूखदारों से भी रहे हैं। मार्च 2023 में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें बेदी राम का एक ठेकेदार से कहासुनी कैद थी। आरोप था कि उसने ठेकेदार से कमीशन मांगे थे।
बैंक में रखे बॉक्स से खेलने का पुराने अनुभवी हैं पेपर लीक के मास्टरमाइंड विधायक
रेलवे भर्ती पेपर लीक केस में बड़े चौंकाने वाली जानकारियां एसटीएफ ने लखनऊ गैंगस्टर कोर्ट के समक्ष साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत की है। हालांकि सुभासपा विधायक बेदी राम ने खुद को बेकसूर बताया है लेकिन रेलवे के अलावा यूपी, एमपी और हिमाचल में उस पर कई पेपर लीक कराने का आरोप है। बेदी राम और विपुल दुबे गैंग के खिलाफ पेपर लीक के दर्ज 9 केसों के संदर्भ में साल 2006 में यूपी एसटीएफ ने बेदी राम और उसके साथियों को सबूत के साथ गिरफ्तार भी किया था। बेदी राम खुद रेलवे का टीटीई था और रेलवे भर्ती बोर्ड इलाहाबाद के पेपर में फर्जीवाड़ा कराने वाले गिरोह के सरगना के तौर पर गिरफ्तार भी हुआ था। साल 2014 में सीपीएमटी के पेपर लीक में शक की सुई बेदी राम के गिरोह पर गई तो आगे चलकर आरआरबी पेपर लीक में जब लखनऊ से दो आरोपी गिरफ्तार हुए तो शक और गहरा गया था। बाद में हुई गिरफ्तारी के उपरांत हुई पूछताछ में उसकी संपत्तियों के बारे में जानकारी मिली। सीपीएमटी की परीक्षा तब रद्द कर दी गई थी जब गाजियाबाद के दो बैंक-इलाहाबाद बैंक और एसबीआई में रखे बक्से टूटे मिले थे।
विधायक बेदी राम बोले – दलित हूं इसलिए फंसाया जा रहा, दोषी निकला तो छोड़ दूंगा राजनीति
रेलवे पेपर लीक मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के विधायक बेदी राम ने कहा कि वह इस मामले में निर्दोष हैं और उन्हें गलत फंसाया गया है। एक निजी चैनल को बयान में बेदी राम ने कहा कि एसटीएफ की चार्जशीट में उनका नाम किसी ने साजिश के तहत डलवाया। वह दोषी नहीं हैं, वह राजनीतिक आदमी हैं, दलित हैं और कमजोर हैं एवं इसलिए उन्हें फंसाया जा रहा है। सुभासप विधायक ने कहा कि पेपर लीक केस में वह बरी हो गए थे और दोषी होते तो बरी कैसे हो जाते। ताजा जारी वारंट पर विधायक बेदी राम ने कहा कि माननीय न्यायालय पर उंगली नहीं उठाई जा सकती और उम्मीद जाहिर की कि न्यायालय में उन्हें पूरा न्याय मिलेगा। इसी के साथ विधायक बेदी राम ने दावा किया कि अगर पेपर लीक में उनका नाम आया तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे और विधायकी से इस्तीफा दे देंगे। बिहार, झारखंड, गुजरात और महाराष्ट्र में नीट यूजी 2024 के पेपर लीक प्रकरण में जारी सीबीआई जांच को लेकर विधायक बेदी राम बोले कि उसमें कहीं उनका नाम नहीं है।