औरंगाबाद : व्यवहार न्यायालय के एडीजे सात सुनील कुमार सिंह ने खुदवा थाना कांड संख्या -37/19 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए काराधीन अभियुक्त विनोद राम कलेन खुदवा
को भादंवि धारा 302 में दोषी करार दिया है। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई 14 अगस्त को निर्धारित किया गया है।
अधिवक्ता ने बताया कि प्राथमिकी सूचक राजेश्वर राम कलेन खुदवा ने 21 अगस्त 2019 को प्राथमिकी में बताया था कि दोपहर 2.45 बजे शौच कर आ रहे थे तो देखा कि विनोद राम हाथ में चाकू लिए भाग रहा है और मेरा भाई ठाकुर जी ज़मीन पर मृत पड़ा है। उसके बगल मे शिला देवी खड़ी थी जो मुझे देखते ही भागने लगी। मैंने अपने भतीजा को पकड़ने का कोशिश की तो वह मुझ पर भी हमले की कोशिश किया। तब मैं जान बचाकर भागा और थाना आकर घटना की जानकारी दी। अधिवक्ता ने बताया कि अभियुक्त शीला देवी एक नवंबर 2021 तक जेल में बंद रही जिसे आज दोषमुक्त करते हुए रिहा कर दिया गया है।
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दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट