रांची: आयुष्मान भारत योजना के तहत झारखंड के 212 अस्पतालों को गंभीर अनियमितताओं और धोखाधड़ी के आरोप में चिह्नित किया गया है। इनमें राजधानी रांची के 26 अस्पताल भी शामिल हैं। जांच में सामने आया है कि इन अस्पतालों ने इलाज के नाम पर तय सीमा से अधिक पैसे वसूले और मरीजों की फर्जी जानकारी पोर्टल पर अपलोड की।
स्वास्थ्य विभाग की एंटी फ्रॉड यूनिट ने जब 104 हेल्पलाइन के माध्यम से मरीजों या उनके परिजनों से संपर्क कर जानकारी ली, तो बड़ी संख्या में मामलों में ओवरचार्जिंग की पुष्टि हुई। इसके बाद ऐसे अस्पतालों के फंड पर रोक लगा दी गई।
सूत्रों के मुताबिक, कुछ मामलों में एक ही मरीज का नाम दो-दो अस्पतालों में पाया गया, वहीं कई शिकायतें सबूतों के साथ लिखित रूप में दी गईं। जांच में मरीजों की फोटो और नाम अपलोड करने में गड़बड़ियों की भी पुष्टि हुई है।
एंटी फ्रॉड यूनिट के अनुसार, योजना के तहत मरीज के अस्पताल में भर्ती होने से लेकर ऑपरेशन तक हर प्रक्रिया की पारदर्शी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है।
इसमें आधार कार्ड, गोल्डन कार्ड के सत्यापन से लेकर सर्जरी के समय ऑपरेशन थिएटर की तस्वीरें तक शामिल होती हैं।
यूनिट ने जिन अस्पतालों में फोटो और दस्तावेज गलत पाए, उन्हें गड़बड़ी में संलिप्त माना है। हालांकि, राज्य और रांची के नामचीन अस्पतालों ने इन गड़बड़ियों से खुद को दूर रखा है।