शिल्पी नेहा तिर्की ने 130वें संविधान संशोधन को केंद्र सरकार का स्वार्थी कदम बताया। सूर हासदा एनकाउंटर की सीबीआई जांच की भी मांग उठी।
रांची: झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर और नगड़ी भूमि विवाद को लेकर सरकार से दो टूक जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि सरकार को विधानसभा में यह घोषणा करनी चाहिए कि नगड़ी की आदिवासी खतियानी रैयत जमीन वहां के रैयतों से नहीं छीनी जाएगी और उनकी खेती सुरक्षित रहेगी।
बाबूलाल मरांडी ने सूर्या हांसदा मामले को राजनीतिक हत्या करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें कस्टडी में थर्ड डिग्री टॉर्चर कर मार डाला और बाद में एनकाउंटर का रूप दे दिया। बाबूलाल मरांडी ने बताया कि सूर्या हांसदा चार बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके थे और संथाल परगना में लोकप्रिय नेता थे। उन्होंने गरीब और अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए सामाजिक कार्य भी किया था।
Key Highlights
130वें संविधान संशोधन विधेयक पर विधानसभा परिसर में हंगामा
शिल्पी नेहा तिर्की ने केंद्र पर स्वार्थी राजनीति का आरोप लगाया
संशोधन के तहत 30 दिन जेल में रहने वाले प्रतिनिधियों को छोड़ना होगा पद
विपक्ष ने कहा—अक्यूज्ड और कन्विक्टेड के बीच का फर्क मिटाया जा रहा
सूर हासदा एनकाउंटर मामले में सीबीआई जांच की मांग तेज
उन्होंने कहा कि हांसदा पर दर्ज केसों में से ज्यादातर से वह बरी हो चुके थे और बाकी मामलों में जमानत पर थे। “उनकी गिरफ्तारी बिना सूचना के हुई और उनकी हत्या के बाद शव जंगल में फेंक दिया गया। यह एनकाउंटर नहीं बल्कि साजिश है। इसकी जांच सिर्फ सीबीआई से ही संभव है,” मरांडी ने कहा।
दूसरे मुद्दे पर उन्होंने नगड़ी की 227 एकड़ जमीन का जिक्र किया। बाबूलाल ने कहा कि यह जमीन आदिवासी रैयतों की खतियानी भूमि है, जिस पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय या अन्य संस्थानों का कोई वैध अधिग्रहण नहीं हुआ। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार विधानसभा में स्पष्ट घोषणा करे कि इस जमीन को किसानों से नहीं छीना जाएगा और पहले की तरह मालगुजारी रसीद काटी जाएगी।
मरांडी ने कहा कि ये दोनों मुद्दे सीधे तौर पर आदिवासी समाज से जुड़े हैं और सरकार को इन पर विधानसभा में जवाब देना होगा।
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