रांचीः भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज राज्य सरकार से राज्य की ध्वस्त विधि व्यवस्था पर विधानसभा में चर्चा कराने की मांग की। लेकिन सत्ता पक्ष ने मणिपुर का मुद्दा सदन में उठाया. जिसके बाद विधानसभा के मानसून सत्र को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया. इस पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन मणिपुर में प्रतिनिधि भेज रहे और संथाल परगना में आदिवासियों की पहचान मिटाई जा रही. उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष इस मुद्दे पर सिर्फ राजनीति कर रहा है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जब केंद्र सरकार मणिपुर पर चर्चा कराने को तैयार है, तो राज्य में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करना कहीं से भी उचित नहीं है. सत्ता पक्ष को राज्य की स्थिति पर विचार करना चाहिए. राज्य के हालात बद से बदतर होते जा रहे. हत्या लूट बलात्कार की घटनाएं आम हो गई है. राजधानी में भी अपराधियों का साम्राज्य है. अपराधी सरेआम हत्या करने में सफल हो रहे.
संथाल परगना में आदिवासियों की दुर्गति हो रही
मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन को अपने गिरेबां में झांक कर देखना चाहिए. उन्हे मणिपुर में अपना प्रतिनिधि भेजने की चिंता है लेकिन आज पूरा संथाल परगना में आदिवासियों की दुर्गति हो रही. आदिवासी समाज की पहचान, संस्कृति मिटाने की कोशिश बड़े पैमाने पर चल रही पर मुख्यमंत्री मौन हैं. इससे स्पष्ट है कि ऐसे अराजक तत्वों को मुख्यमंत्री की खुली सहमति है. उन्होंने कहा कि आई एन डी आई ए गठबंधन दलों को सशस्त्र बल ( विशेष शक्ति ) अधिनियम को पूर्वोत्तर में लगाने की याद करनी चाहिए. वहां के हालात कोई आज ऐसे नही हुए. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि कोई भी सभ्य समाज मणिपुर की घटना को सही नहीं मान सकता. लेकिन इसपर राजनीति से बाज आना चाहिए.