वाराणसी : बाहुबली धनंजय सिंह की बुधवार को बरेली में जेल से हुई रिहाई के कुछ पलों के भीतर ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में वाराणसी के निकट जौनपुर में उनकी पत्नी श्रीकला सिंह ने बसपा प्रत्याशी के तौर पर गुपचुप नामांकन कर दिया। उन्होंने अपना नामांकन दो सेटों में जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष किया। लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी का यह घटनाक्रम काफी रोचक रहा और इस पर सबकी नजरें भी हैं।
देश की सत्ता के लिए दिल्ली का रास्ता जिस यूपी से होकर जाता है उसी प्रदेश में पूर्व सांसद व बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह की बतौर बसपा प्रत्याशी नामांकन इतना गुपचुप तरीके से हुआ कि इसकी जानकारी न तो पुलिस को और ना ही एलआईयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) को थी।
बाहुबली धनंजय सिंह चुनाव नहीं लड़ सकते, प्रचार करेंगे
जौनपुर में छठे चरण को लेकर हो रहे नामांकन के तीसरे दिन बुधवार को बसपा उम्मीदवार श्रीकला ने नामांकन किया। वह वर्तमान में जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं। बसपा उम्मीदवार श्रीकला सिंह के पति पूर्व सांसद व बाहुबली धनंजय सिंह को वर्ष 2020 में लाइन बाजार थाना में अपहरण व रंगदारी के मामले में दर्ज मुकदमे में 7 साल की सजा हुई है। बीते शनिवार को उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दी है।
कोर्ट द्वारा सजा में कोई ढील न देने के कारण धनंजय सिंह चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद धनंजय सिंह को बुधवार को सुबह बरेली जेल से रिहा किया गया है। देर शाम तक वो जौनपुर पहुंचेंगे और अपनी पत्नी श्रीकला के लिए चुनाव प्रचार करेंगे।
बाहुबली धनंजय सिंह बरेली में जेल से छूटते ही जौनपुर को हुए रवाना
जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह बुधवार सुबह बरेली सेंट्रल जेल से रिहा होने के बाद बाहर आते ही कहा कि मुझे फर्जी मुकदमे में सजा हुई। मेरी पत्नी चुनाव लड़ रही हैं। मैं सीधे अपने क्षेत्र में जाऊंगा। इसके बाद वह अपने जौनपुर के लिए रवाना हो गए। धनजंय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी जौनपुर से बसपा की लोकसभा प्रत्याशी हैं। रिहाई का परवाना लेकर जौनपुर जेल से स्पेशल मैसेंजर बरेली सेंट्रल जेल के लिए पहुंचे थे। बुधवार सुबह उनकी जेल में रिहाई हो गई। बीते शनिवार को जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बरेली सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था। धनंजय सिंह को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था।
धनंजय के लिए जौनपुर से बरेली जेल पहुंचा स्पेशल मैसेंजर
पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह को अपहरण व रंगदारी के मामले में गत 7 मार्च को सजा सुनाई गई थी। उस मामले में वादी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत दो के खिलाफ अपहरण व रंगदारी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। पुलिस ने विवेचना करके 3 माह में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। कोर्ट ने दो अप्रैल 2022 को धनंजय व सहयोगी पर आरोप तय किया था। इसके बाद 130 तारीखों की सुनवाई के बाद 5 मार्च 2023 को धनंजय समेत दो को दोषी पाया और गत 7 मार्च 2024 को सजा सुनाई।
बीते 27 अप्रैल को उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर जौनपुर पुलिस ने धनंजय सिंह को बरेली सेंट्रल जेल शिफ्ट किया था लेकिन तभी उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। गत मंगलवार को जौनपुर जिला जेल के अधीक्षक एसके पांडेय ने रिहाई का परवाना रेडियो मैसेंजर के जरिए बरेली सेंट्रल जेल को भेजा था।