रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बांग्लादेशी घुसपैठ और मानव तस्करी से जुड़े मामले में चार आरोपियों से पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इनमें दो बांग्लादेशी नागरिक रोनी मंडल और संदीप चौधरी, तथा भारतीय नागरिक पिंटू हलधर और पिंकी बसु मुखर्जी शामिल हैं।
ईडी ने चारों आरोपियों को पांच दिनों की रिमांड पर लिया है और पूछताछ के पहले दिन उनके मोबाइल फोन से बांग्लादेश के 42 संदिग्ध नंबरों का पता चला। एजेंसी का मानना है कि ये नंबर मानव तस्करी के लिए इस्तेमाल किए गए थे। रोनी मंडल ने बांग्लादेशी युवतियों की तस्करी कर उन्हें देह व्यापार में धकेलने की बात कबूल की है।
ईडी ने आरोपियों के ठिकानों से कई फर्जी आधार कार्ड और पासपोर्ट जब्त किए हैं। इन दस्तावेजों का उपयोग बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय नागरिक के रूप में दिखाने के लिए किया गया। यह भी पता चला है कि आरोपियों ने झारखंड और बंगाल में कई फर्जी पहचान बनाकर घुसपैठियों को स्थापित किया।
ईडी को शक है कि इस तस्करी के एवज में करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है। मनी लॉन्ड्रिंग के तहत आरोपियों द्वारा अर्जित धन को छिपाने के लिए विभिन्न बैंकों और अन्य माध्यमों का इस्तेमाल किया गया। पूछताछ में पता चला है कि इस नेटवर्क का संचालन झारखंड, बंगाल और बांग्लादेश में कई सहयोगियों के जरिए किया जा रहा था।
ईडी के अनुसार, यह घुसपैठ और तस्करी नेटवर्क राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। इस मामले की गहराई से जांच करते हुए एजेंसी ने झारखंड और बंगाल में आरोपियों के संपर्कों की तलाश शुरू कर दी है। ईडी आने वाले दिनों में बांग्लादेश से जुड़े सभी संदिग्ध नंबरों का सत्यापन करेगी और तस्करी के इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान करने का प्रयास करेगी। फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल से जुड़े अपराधियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है।