Barkatha Vidhansabha Constituency : बरकट्ठा में ‘चाचा-भतीजे’ की लड़ाई में कौन मारेगा बाजी? जानिए अब तक का रिकॉर्ड

Barkatha Vidhansabha Constituency

Barkatha Vidhansabha Constituency : झारखंड में दो चरणों में विधानसभा का चुनाव हो रहा है। पहले चरण की वोटिंग 13 नवंबर को होगी और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा। ऐसे में हम आपके लिए ला रहे हैं, चुनाव की एक विशेष सीरीज, जिसमें आपको बताएंगे, झारखंड की सभी 81 सीटों की सियासी जानकारियां और चुनावी संभावनाएं। आज बरकट्ठा विधानसभा के बारे में जानिए…

बरकट्ठा में दिलचस्प मुकाबला

बरकट्ठा विधानसभा सीट (Barkatha Vidhansabha Constituency), हजारीबगा जिले में आती है। यह सीट अनारक्षित है। यहां पहले चरण में 13 नवंबर को वोटिंग होगी। इसके लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया यहां खत्म हो गयी है। 30 अक्टूबर तक नामांकन वापस लिया जा सकता है। 13 नवंबर को वोटिंग के बाद 23 नवंबर को सभी सीटों के साथ यहां भी वोटों की गिनती के साथ परिणाम जारी किया जाएगा। यहां मुख्य रूप से जेएमएम और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला के साथ चाचा-भतीजे में दिलचस्प चुनावी जंग है।

दरअसल, इस साल इस सीट (Barkatha Vidhansabha Constituency) पर जेएमएम ने जानकी यादव को टिकट दिया है, जबकि बीजेपी ने सिटिंग विधायक अमित यादव को टिकट दिया है। रिश्ते में दोनों चाचा-भतीजे हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में भतीजे ने चाचा को शिकस्त दी थी। हालांकि, उस दौरान भतीजे ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जबकि चाचा भाजपा से। 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले भतीजे अमित यादव ने भाजाप का दामन थाम लिया। वहीं चाचा जानकी यादव जेएमएम में शामिल

Barkatha Vidhansabha Constituency : चाचा-भतीजे में चुनावी जंग

वहीं दोनों के चुनावी सफर की बात करें तो दोनों के बीच अब तक तीन बार चुनावी भिड़ंत हो चुकी है। इसमें दो बार अमित यादव और एक बार जानकी यादव भारी पड़े हैं। अमित यादव के पिता चितरंजन यादव भी भाजपा के टिकट पर इस सीट पर 2005 के विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। वहीं अमित यादव ने इस सीट पर दो बार जीत दर्ज की है। पहली बार उन्होंने 2009 में भाजपा के टिकट जीत हासिल की थी, जबकि दूसरी बार निर्दलीय लड़कर 2019 में विधायक बने थे। वहीं एक बार 2014 में जानकी यादव ने इस सीट से जीत दर्ज की है।

Barkatha Vidhansabha Constituency : 2005 से अब तक

इस सीट (Barkatha Vidhansabha Chunav) पर 2005 से अब तक की बात करें तो 2005 के विधानसभा चुनाव में अमित यादव के पित चितरंजन यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार दिगंबर कुमार मेहता को हराया था। 2009 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के अमित कुमार ने जेवीएम के जानकी यादव को हराया था। हालांकि, 2014 के विधानसभा चुनाव में जानकी यादव ने अमित यादव से हार का बदला लेते हुए उन्हें पराजित किया था।

इस चुनाव में अमित यादव भाजपा से और जानकी यादव ने जेवीएम से चुनाव लड़ा था। वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव में फिर दोनों आमना-सामना हुए। इसमें भतीजे अमित यादव ने चाचा जानकी यादव से हार का बदला लिया था और उन्हें शिकस्त दी थी। इस चुनाव में जानकी यादव भाजपा से और अमित यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था।

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