चुनाव से पहले तेजस्वी की गुगली,आधी आबादी करेगी बोल्ड या पहनायेगी ताज ? जानिये क्या कहते है आंकड़े
पटना : बिहार चुनाव के पहले चरण में अंत में तेजस्वी ने राज्य की आधी आबादी को साधने की कोशिश करते हुये गुगली डाली है और घोषणा कर दी की जीत के साथ ही हर महिला के खाते में तीस हजार रूपये डाले जायेंगे, किसानों को मुफ्त बिजली मिेलेगी, फसलो के न्यूतम समर्थन मुल्य के अलावा तीन सौ रूपये अनुदान भी दी जायेगी। ऐसे मामलों से सरकार के लिये परशानी बढता दिख रहा है।

महागठबंधन की घोषणा से बैकफुट पर सरकार
गौरतलब हो कि अपनी चुनावी घोषणा में भी ऐसे लोक लुभावन वायदे किये हैं जो भले ही पूरे ना हो लेकिन लोभ के कारण जनता का मिजाज बदल सकता है। जबकि इसके जबाब में एनडीए सरकार द्वारा 26 सेंकेड में ही अपने घोषणापत्र को घोषित कर दिया गया है। दरअसल सरकार के पास जंगल राज और घोटाले के अलावा कोई ठोस मुद्दा ही नही दिखता है। बेरोजगारी की मार झेल रहे युवा वोटर्स भी सरकार से खासे नाराज चल रहे थे हालांकि अंत समय में सरकार द्वारा घोषणाओं की झड़ी लगा दी गई।
सरकारी घोषणाओं के बीच क्या कहते हैं आँकड़े
ऐसे में सरकारी घोषणाओं के बीच क्या कहते हैं आँकड़े ,पिछले आँकड़ों पर गौर कर तो….
मध्यप्रदेश में लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं के खाते में सरकार 1250 रुपए डाल रही थी। कांग्रेस ने हर महीने 2000 रुपए देने का वादा किया था। लोगों ने सरकार की ओर से पहले से मिल रहे पैसों पर ज्यादा भरोसा किया।

महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना की सरकार चुनाव से पहले लाडकी बहिन योजना के तहत के तहत महिलाओं को हर माह 1500 रुपए दे रही थी। महाविकास अघाड़ी ने 3000 रुपए प्रति माह देने का वादा किया था। यहां भी पहले से मिल रहे पैसों पर ही भरोसा जताया।

झारखंड में झामुमो की सरकार थी। मईया योजना के तहत सरकार महिलाओं को 1000 रुपए प्रति माह दे रही थी। भाजपा ने 2100 रुपए प्रति माह देने का वादा किया था। भरोसा झामुमो सरकार की ओर से मिल रहे पैसों पर ही जताया गया।

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