Desk. बड़ी खबर राजधानी दिल्ली से है। केंद्र की मोदी सरकार ने देशभर में जातीय जनगणना कराने का फैसला लिया है। यह निर्णय आज मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में हुई। इसकी जानकारी कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रेफिंग के दौरान दी।
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देशभर में होगी जातीय जनगणना
कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को घोषणा की कि जातीय जनगणना अगली राष्ट्रीय जनगणना प्रक्रिया का हिस्सा होगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में निर्णय लिया गया। केंद्रीय मंत्री ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा, “राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आगामी जनगणना प्रक्रिया में जाति गणना को शामिल करने का निर्णय लिया है।”
बिहार में चुनाव से पहले बड़ा फैसला
मोदी सरकार का यह फैसला बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लिया गया है। बता दें कि, इसी साल अंत में बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है। ऐसे में यह मुद्दा बिहार चुनाव में प्रमुखता से देखा जा सकता है। लोकसभा चुनाव के दौरान जातीय जनगणना को लेकर विपक्ष ने एक बड़ा मुद्दा बनाया था। हालांकि, विपक्ष को इस चुनाव में बड़ी सफलता नहीं मिली थी, लेकिन बीजेपी को भी बड़ा झटका लगा था और बीजेपी अपने बल पर सरकार बनाने में सफल नहीं हो पाई थी।
बिहार में हुआ था जाति आधारित सर्वे
बता दें कि, वर्ष 2023 में बिहार सरकार ने जातीय सर्वे कराया था। ऐसा करने वाला बिहार, देश का पहला राज्य है। बिहार सरकार ने गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को जातीय गणना की रिपोर्ट जारी की थी। इसके अनुसार बिहार की कुल जनसंख्या 13 करोड़ बतायी गयी है। इसमें सबसे अधिक अत्यंत पिछड़ा वर्ग की संख्या, जो कुल आबादी का 36.01 प्रतिशत है, पिछड़ा वर्ग 27.12 प्रतिशत है।
पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग की बिहार में आबादी 63 प्रतिशत से अधिक है। वहीं अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 1.68 प्रतिशत और सामान्य वर्ग 15.52 प्रतिशत रिपोर्ट में बताया गया है।