झारखंड हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: 2019 से पहले के वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने पर रोक

झारखंड हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: 2019 से पहले के वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने पर रोक

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने 2019 से पहले निबंधित वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस एमएस रामचन्द्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने मंगलवार को मोटर व्हीकल सिक्योरिटी एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय लिया।

राज्य सरकार ने वर्ष 2019 से पहले के वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की आपूर्ति और लगाने का काम एग्रोस इंपेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा था। प्रार्थी ने अदालत में कहा कि बिना टेंडर किए एक निजी एजेंसी को यह कार्य सौंपना उचित नहीं है। यह प्रोजेक्ट करीब 400 करोड़ रुपए का है, और ऐसे महत्वपूर्ण कार्य को चुनाव से पहले सिर्फ मनोनयन के आधार पर दिया जाना कई सवाल खड़े करता है।

अदालत को बताया गया कि 2012 में राज्य सरकार ने इस कंपनी का अनुबंध समाप्त कर दिया था। इसके खिलाफ कंपनी ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जहां दोनों न्यायालयों ने अनुबंध समाप्त करने के निर्णय को सही माना था।

राज्य सरकार ने यह काम एग्रोस इंपेक्स इंडिया को बिना टेंडर के सौंपने के लिए ठोस आधार प्रस्तुत नहीं किया है। इसलिए, अदालत ने इस मामले में रोक लगाने का निर्णय लिया है।

झारखंड में करीब 49 लाख वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाना अनिवार्य है, जिसमें दो पहिया, तीन पहिया, चार पहिया, ट्रैक्टर और बड़े वाहन शामिल हैं। कंपनी द्वारा वाहन मालिकों से निर्धारित शुल्क लिया जाएगा, जो कि दो पहिया वाहनों के लिए 354 रुपए, तीन पहिया के लिए 401 रुपए, एलएमवी के लिए 637 रुपए, ट्रैक्टर के लिए 377 रुपए और बड़े वाहनों के लिए 672 रुपए है। मोटर व्हीकल सिक्योरिटी एसोसिएशन ने इन शुल्कों को अत्यधिक बताया है।

इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि सरकार को ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लेने में पारदर्शिता बरतनी चाहिए और टेंडर प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य है।

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