रांची. कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि मामले में झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने चाईबासा एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय द्वारा जारी समन आदेश को रद्द कर दिया है और केस को फ्रेश ऑर्डर के लिए वापस भेज दिया है। हाईकोर्ट ने मामले में जारी रिविजनल ऑर्डर को मॉडिफाई कर दिया है, साथ ही सब्सटेंस ऑफ एक्विजिशन (अभियोग की सामग्री) को भी क्वैश (निरस्त) कर दिया है।
क्या है मामला?
यह मामला मार्च 2018 का है, जब राहुल गांधी ने कांग्रेस के महाधिवेशन में भाषण देते हुए कहा था कि “भाजपा में कोई भी हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है”। उस समय अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। इस कथन को लेकर भाजपा नेता प्रताप कटियार ने राहुल गांधी के खिलाफ चाईबासा कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इसके अलावा रांची में भी इसी बयान को लेकर मामला दर्ज कराया गया था।
चाईबासा कोर्ट ने किया था समन जारी
इस मामले में चाईबासा की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को सशरीर उपस्थिति के लिए समन जारी किया था। राहुल गांधी ने 2 जून 2025 को इस समन आदेश को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस बीच राहुल गांधी ने इस केस में 6 अगस्त 2025 को कोर्ट में हाजरी लगाई थी, जिसके बाद उन्हें अग्रिम जमानत दे दी गई थी।
हाईकोर्ट का फैसला
- चाईबासा कोर्ट का समन आदेश रद्द
- केस फ्रेश ऑर्डर के लिए विशेष न्यायालय को वापस
- सब्सटेंस ऑफ एक्विजिशन को निरस्त
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