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पटना. आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कई मायनों में ऐतिहासिक होने जा रहा है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पटना में अपने दो दिवसीय दौरे के समापन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जानकारी दी कि इस बार चुनाव आयोग ने 30 नई पहल की शुरुआत की है, जिनमें से 17 बड़े सुधार आगामी चुनाव और मतगणना प्रक्रिया में लागू किए जाएंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव में बड़े बदलाव
ये बदलाव न सिर्फ बिहार को चुनाव सुधारों की प्रयोगशाला बनाएंगे, बल्कि आने वाले समय में देशभर के चुनावों की प्रक्रिया को पारदर्शी और आधुनिक बनाने में भी मदद करेंगे।
BLO को मिला स्मार्ट आईडी कार्ड
अब BLO (Booth Level Officer) को स्मार्ट आईडी कार्ड दिए गए हैं, ताकि वे जब मतदाताओं से संपर्क करें, तो लोग उन्हें तुरंत पहचान सकें। यह कदम मतदाता विश्वास को बढ़ाने की दिशा में एक अहम सुधार माना जा रहा है।
मोबाइल जमा करने के लिए स्वदेशी समाधान
चुनाव के दिन अब मतदाताओं को अपने मोबाइल फोन मतदान केंद्र के बाहर जमा करने होंगे। इसके लिए स्वदेशी कबूतरखाना स्टाइल के छोटे जूट बैग्स या सुरक्षित डिवाइस होल्डर्स तैयार किए जाएंगे, जहां मोबाइल सुरक्षित रहेंगे।
1200 से ज्यादा वोटर नहीं होंगे किसी भी बूथ पर
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि अब देशभर के किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे। इससे लंबी कतारों से राहत मिलेगी और मतदान प्रक्रिया अधिक सुचारू होगी।
100% वेबकास्टिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म
हर मतदान केंद्र पर 100% वेबकास्टिंग अनिवार्य की जा रही है, जिससे वोटिंग ट्रेंड्स और आंकड़ों को वास्तविक समय में ट्रैक किया जा सकेगा।
इसके अलावा, एक “वन स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म” भी लॉन्च किया जाएगा, जो मतदाताओं और चुनाव से जुड़े अन्य पक्षों के लिए जानकारी का केंद्रीकृत माध्यम होगा।
EVM में अब रंगीन फोटो और बड़ा फॉन्ट
अब से EVM बैलेट पेपर पर उम्मीदवारों की रंगीन फोटो और बड़े फॉन्ट में नाम छापे जाएंगे। इससे विशेषकर वृद्ध या कम दृष्टि वाले मतदाताओं को उम्मीदवार पहचानने में आसानी होगी।
पोस्टल बैलेट की गिनती के नियम में बदलाव
अब पोस्टल बैलेट की गिनती, ईवीएम की अंतिम गिनती से दो राउंड पहले पूरी की जाएगी। इससे रिजल्ट की पारदर्शिता और सटीकता में सुधार होगा।
100 मीटर की दूरी पर बनेगा प्रत्याशी सहायता काउंटर
पहले प्रत्याशियों को अपना सहायता काउंटर मतदान केंद्र से 150 मीटर दूर बनाना होता था, लेकिन अब यह दूरी घटाकर 100 मीटर कर दी गई है, जिससे प्रत्याशी और उनके प्रतिनिधि मतदाताओं के साथ बेहतर समन्वय बना सकें।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इन सभी सुधारों का मुख्य उद्देश्य है, स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और समावेशी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करना। बिहार इन सुधारों को अपनाने वाला पहला राज्य बनेगा और आने वाले समय में यही मॉडल देशभर में लागू किया जा सकता है।