Summary : बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत लाखों लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। वकील प्रशांत भूषण ने बताया कि जिन 65 लाख लोगों ने फॉर्म नहीं भरे, उन्हें बाहर कर दिया गया है। कोर्ट ने संकेत दिया है कि यदि यह बड़े पैमाने पर हुआ है, तो तत्काल हस्तक्षेप किया जाएगा। अगली सुनवाई 12 अगस्त को तय की गई है।
नई दिल्ली : बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 12-13 अगस्त को सुनवाई करने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की इस आशंका को दूर करने की कोशिश की कि चुनाव आयोग द्वारा तैयार की जा रही मतदाता सूची से बड़ी संख्या में लोगों को बाहर किया जा रहा है।
जिन 65 लाख लोगों ने फॉर्म जमा नहीं किया, उन्हें बाहर कर दिया गया है – वकील प्रशांत भूषण
एनजीओ एडीआर के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि जिन 65 लाख लोगों ने फॉर्म जमा नहीं किया, उन्हें बाहर कर दिया गया है। चुनाव आयोग का दावा है कि वे या तो मर चुके हैं या स्थायी रूप से दुसरी जगह चले गए है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर बड़े पैमाने पर लोगों को बाहर किया गया है, तो अदालत इस पर गौर करेगी ऐसे मामलों को अदालत के संज्ञान में लाया जाना चाहिए।
SIR पर अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी
बिहार एसआईआर को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि 65 लाख मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इनमें से कुछ अपना घर छोड़कर कहीं और चले गए हैं, कुछ मर गए हैं। जस्टिस बागची ने कहा कि हम इस पूरे मामले को देख रहे हैं। अगर बड़े पैमाने पर मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट से काटा जा रहा है, तो हम तुरंत हस्तक्षेप करेंगे। आप ऐसे 15 लोगों को लेकर आइए जो कहें कि वे जीवित हैं और उनको मरा दिखाकर नाम काट दिया गया है। एसआईआर पर अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी।
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