राष्ट्रपति बना कर नीतीश कुमार को शंट करने की साजिश तो नहीं रची जा रही?

Patna-राजनीतिक गलियारों में अचानक से नीतीश कुमार को राष्ट्रपति बनाये जाने की चर्चा चल रही है, यद्धपि यह बात कहां से उठी,

क्यों इस बात को प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है, इसका आधार क्या है, इसके पीछे कौन है,

इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आ रही है. लेकिन जंगल में आग की तरह नीतीश कुमार को राष्ट्रपति बनाने

की खबरें फैल रही है, कयासों का बाजार गर्म हो रहा है.

बताया जा रहा है कि यह पूरी रणनीति प्रशांंत कुमार की ओर से बनायी गयी है, प्रशांत किशोर ने इस मामले में तेलंगाना

के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और तमिलनाडू के मुख्यमंत्री स्टालिन के साथ  चर्चा की है. नीतीश कुमार को तीसरे मोर्चे

की ओर से राष्ट्रपति बनाने की रणनीति पर काम चल रहा है. लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है.

लेकिन एक बात और भी है कि इसका खंडन भी नहीं किया जा रहा है. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि प्रशांत

के साथ उनकी बातचीत होते रहती है, लेकिन इस बात को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है.

 

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इस बीच बिहार सरकार में मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि नीतीश कुमार तो पीएम मटेरियल है, तब राष्ट्रपति बनाने में

क्या आपत्ति हो सकती है. नीतीश कुमार की सोच और विजन राष्ट्रीय स्तर की है.

राष्ट्रपति बनाने की खबर पर प्रतिक्रिया

राष्ट्रपति बनाने की खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान ने कहा है कि

नई कुर्सी की सुगबुहाट को सुशासन बाबू ने अब तक खारिज नहीं किया, सुशासन बाबू अपने लिए एक के बाद

एक पद का इंतजाम किया जा रहे हैं. बिहार के युवाओं की दुर्गती नीतीश कुमार बनने चले राष्ट्रपति.

कांग्रेस के एमएलसी समीर सिंह ने कहा कि यदि कोई बिहारी राष्ट्रपति बनता है तो हम उसका स्वागत करेंगे.

लेकिन सवाल फिर यही है कि यह सोशल मीडिया पर यह चर्चा आ कहां से रही है, नीतीश कुमार को

राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाने की बात कर कौन और कहां निशाना साध रहा है.

आम रुप से हर कोई जानता है कि नीतीश कुमार की ख्वाहिश पीएम बनने की थी, लेकिन भारतीय राजनीति

में नरेन्द्र मोदी केउदय के साथ ही नीतीश कुमार की महात्वाकांक्षा पर विराम लग गया.

परन्तु एक बार फिर से परिस्थितियां नीतीश के अनुकुल बनती नजर आ रही है. यदि पांच राज्यों के चुनाव में भाजपा को

हार मिलती है या परफॉरमेंस खराब रहता है तब एक बार फिर से नीतीश कुमार के सामने विपक्ष का चेहरा

बनने का मौका सामने है.

नरेन्द्र मोदी का करिश्मा भी अपने उतार पर माना जा रहा है.

तब क्या इस परिस्थिति में नीतीश कुमार राष्ट्रपति बनना कबूल  करेंगे.

कहीं यह पूरी कवायद नीतीश कुमार को शंट करने की तो नहीं हैं.

इस बीच खुद नीतीश कुमार ने इन चर्चाओं पर अपनी टिप्पणी में कहा है कि हमारे दिमाग में इस प्रकार को कोई आइडिया नहीं है.

 

 

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