Desk. राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में आज झारखंड के जनजातीय समाज, पिछड़ा वर्ग, और आदिवासी क्षेत्रों से जुड़े अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए एक ऐतिहासिक मुलाकात हुई। इस अवसर पर भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा झारखंड प्रदेश के महामंत्री व शिक्षाविद बिंदेश्वर उरांव के साथ पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भारत की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सौजन्य भेंट की।
जनहित के प्रमुख मुद्दे उठाए गए
प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति के समक्ष झारखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले गरीब, असहाय, जनजातीय एवं पिछड़े वर्ग के लोगों के जीवन में आ रही जमीनी समस्याओं को विस्तार से रखा। उन्होंने बताया कि आज भी जंगलों में रहने वाली जनजातियां सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और चिकित्सा सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल रहे हैं, जिससे वे पलायन को मजबूर हो रहे हैं।
पेशा कानून (CNT/SPT एक्ट) झारखंड में यथाशीघ्र लागू हो। इसकी अनदेखी के चलते जनजातीय अधिकारों का संरक्षण खतरे में है। राज्य में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती उपस्थिति स्थानीय संस्कृति, सुरक्षा और रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। यहां माटी, बेटी और रोटी के अस्तित्व पर सवाल खड़ा हो गया है। केंद्र की योजना जो जनजाति, गरीब से जुड़ा होता है, उनका सही से क्रियान्वयन नही होता है। पद्मश्री जमुना टुडू ने भी बातों को रखा।
राष्ट्रपति ने दिखाया संवेदनशील रुख
महामहिम द्रौपदी मुर्मू जी ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और झारखंड के आदिवासी समाज के उत्थान के लिए हर संभव सहयोग का सकारात्मक आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि “झारखंड मेरा अपना राज्य है, वहां के लोगों की पीड़ा मैं भलीभांति समझती हूं। उनकी आवाज देश के उच्च स्तरों तक पहुंचाना मेरा नैतिक दायित्व है।”
बिंदेश्वर उरांव ने जताया आभार
बिंदेश्वर उरांव ने राष्ट्रपति महोदया को धन्यवाद देते हुए कहा, “राष्ट्रपति महोदया से मिलकर हम आश्वस्त हुए हैं कि झारखंड के वंचितों की आवाज अब और बुलंद होगी। यह हम सभी जनजातीय समाज के लिए गौरव और आशा का क्षण है।”
जनजातीय समाज में उत्साह की लहर
इस भेंटवार्ता के बाद झारखंड के जनजातीय समाज में नवजागरण की भावना दिख रही है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अब उनके मुद्दे राष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से उठाए जाएंगे और उन्हें न्याय मिलेगा। प्रतिनिधि मंडल में पूर्व विधायक गुमला शिवशंकर उरांव, बिंदेश्वर उरांव, पूर्व आईजी राजकुमार लकड़ा,गीता बलमुचू, पद्मश्री जमुना टुडू। महामहिम राष्ट्रपति जी के साथ केंद्रीय जनजातीय मंत्री जुएल उरांव, राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा समीर उरांव व अन्य मौजूद थे।
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