डिजीटल डेस्क : Manipur Violence की जांच NIA को, बीरेन सिंह ने बुलाई NDA की बैठक। Manipur में फिर से सुलगे Violence वाले माहौल को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय खासा गंभीर है। इस बात को इसी से समझा जा सकता है कि बीते रविवार को महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रैलियों को अचानक रद्द करके केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तुरंत नागपुर से दिल्ली लौटे।
Highlights
दिल्ली पहुंचते ही लगातार केंद्रीय गृह मंत्री सोमवार दोपहर 12 बजे तक ताबड़तोड़ सुरक्षा बलों के उच्चाधिकारियों के संग अलग-अलग बैठक करते रहे हैं। इसके बाद Manipur Violence से जुड़े 3 मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपा गया है।
इसी बीच एनपीपी के समर्थन वापस लेने की घोषणा के बाद बने हालात पर केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर Manipur के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने सोमवार शाम को NDA की बैठक बुलाई है।
Manipur Violence के 3 मामले NIA को सौंपे
ताजा Manipur Violence के मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने लगातार Manipur Violence संबंधी ताजा इनपुट और अपडेट लेने के साथ ही चुनिंदा 3 मामलों की जांच और उन पर तदनुसार तत्काल अपेक्षित समुचित कार्रवाई का निर्देश दिया है।
आधिकारिक तौर पर अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि Manipur Violence के कौन से 3 मामले NIA को सौंपे गए हैं। फिर भी संकेत दिया है कि NIA को उन्हीं 3 मामलों की जांच सौंपी गई है जिनमें हाल की घटनाओं में मौतें हुई हैं और लाशें मिली हैं। उन मामलों की जांच फिलहाल Manipur की पुलिस कर रही है।

Manipur में नस्लीय Violence से बाद कई विधायकों के बदले सुर
फिर से Manipur में नस्लीय Violence के सुलगने में नाकामी का आरोप लगाते हुए बीते रविवार को एनपीपी ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। एनपीपी के प्रमुख कानराड संगमा ने मौजूदा Manipur की सरकार पर फिर से हालात बिगड़ने का ठीकरा फोड़ा था।
बताया जा रहा है कि Manipur में न केवल समर्थन वापसी की घोषणा कर चुके एनपीपी बल्कि एनडीए से जुड़ दूसरे दलों के भी विधायक मौजूदा हालात पर अंदर ही अंदर सरकार से नाराज चल रहे हैं और पूरे मामले में उनके सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं।
इसी कारण केंद्रीय भाजपा नेतृत्व ने तुरंत मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को अपनी जमीन टटोलने और उसे सही रखने को कहा है। वजह यह है कि ताजा नस्लीय हिंसा के सुलगने के बाद भाजपा के अपने भी कुछ विधायक सरकार की कार्यप्रणाली पर दबी जुबान से अंदरखाने नाखुशी जाहिर कर रहे हैं।
उसे ही तुरंत सही करने के लिए और आगे की रणनीति सभी से मिलजुल कर तय करने के बीरेन सिंह की अगुवाई में सोमवार शाम को इंफाल में हो रही बैठक अहम है।