पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात में कई चीजों का जिक्र किया। मन की बात सुनने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह सहित तमाम भाजपा के नेता मौजूद रहे। इसको लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा देश की महिलाओं के एंपावरमेंट के प्रति जो चर्चाएं हुई, देश में खेल को बढ़ावा देने पर चर्चाएं की। मंत्री श्रवण कुमार के बयान को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड के लोग जो भी कहें सर्वप्रथम नीतीश कुमार को टोला का संयोजक बनाने की तैयारी चल रही है। नीतीश कुमार चार-पांच गांव के संयोजक बनने वाले हैं यह हमको पता चला है।
सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि जानबूझकर केंद्र सरकार ने जाति आधारित गणना पर रोक लगाया है। वह नहीं चाहती है कि पिछले समाज का विकास हो। ऐसे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मंडल कमीशन में लालू प्रसाद यादव का कोई योगदान नहीं है। भाजपा के सपोर्ट से मंडल कमीशन आया यह लोग चर्चा करते हैं। मंडल कमीशन की 1977 में आयोग बना। कांग्रेस की सरकार ने 12 साल तक मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लागू नहीं होने दिया। इसका जवाब कांग्रेस पार्टी दे। मंडल कमीशन को भाजपा में 83 सांसद के समर्थन से इसको पारित किया।
उन्होंने कहा कि आज जो जाति आधारित सर्वेक्षण बिहार में हो रहे हैं उसको रोका किसने है। भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि आप 24 घंटे के भीतर डाटा रिलीज करें। लाल यादव तो कुछ है नहीं वह मुखिया भी नहीं बन सकते। लेकिन नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं 24 घंटे में आप रिलीज करें। पिछले साल अति पिछड़ा आयोग बना जब हाईकोर्ट ने डायरेक्शन दिया। अबतक रिपोर्ट जारी नहीं की गई। कोई रिपोर्ट जारी नहीं हुई है। यह लोग हम लोगों को जातियों में बांटना चाहते हैं। इसके बावजूद हम कह रहे हैं कि आप सर्वेक्षण का जो रिपोर्ट है उसको जारी करें। यह लोग इंतजार करते हैं कि कोई नई-नई घटना घटे दूसरे को फंसाए।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कह रहे हैं कि 24 घंटे के अंदर आप डाटा जारी करें। सबको पता होना चाहिए कि मेरी संख्या क्या है। ना न्यायालय ने रोका और ना ही भाजपा ने रोका। हमलोग तो सरकार में 29 में से 16 मंत्री थे। सिर्फ और सिर्फ जातियां उन्माद फैलाना चाहते हैं। 2015 में लालू प्रसाद यादव ने अगले पिछड़े की जो राजनीति की थी। वहीं वह फिर से करना चाहते हैं। लालू यादव को सबलोग पहचान चुके हैं।
लालू यादव बैकवर्ड के नाम पर सिर्फ अपने और अपने परिवार की राजनीति को आगे बढ़ते हैं। नीतीश कुमार तो कोई फैक्टर ही नहीं है। लेकिन बिहार सरकार से मैं आग्रह करता हूं आपको अगर कुछ करना है तो करो किसी ने नहीं रोका है। यह लोग आरक्षण विरोधी हैं। 15 साल तक लाल यादव मुख्यमंत्री रहे लेकिन किसी को आरक्षण नहीं दिया। लालू और नीतीश दोनों अति पिछड़ा और दलित विरोधी है। सवर्ण विरोधी इनका चेहरा तो पूरा देश जान रहा है।
विवेक रंजन की रिपोर्ट